उदयपुर। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को एक पत्र जारी कर दुर्लभ बीमारियों की सूची को संशोधित करने का अनुरोध किया है। इससे अब तक पहचानी गई सभी 63 दुर्लभ बीमारियों को भी मूल सीमा शुल्क (बी.सी.डी.) और एकीकृत माल और सेवा कर (आई.जी.एस.टी.) से पूर्ण छूट प्रदान करने वाली सूची में शामिल किया जा सकेगा।
केंद्रीय स्वारथ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने सांसद डॉ मन्नालाल रावत के पत्र पर यह जानकारी दी है। सांसद डॉ रावत ने जो सिस्टिनोसिस दुर्लभ बीमारी के उपचार के लिए दवाओं के आयात पर मूल सीमा शुल्क (बी.सी.डी.) और अन्य करों में छूट प्रदान करने के संबंध में केंद्रीय मंत्री श्री नड्डा को पत्र लिखा था।
सांसद डॉ रावत ने खेरवाडा निवासी 3 वर्षीय वामिका कलाल के मामले में केंद्रीय मंत्री श्री नड्डा को अवगत कराया था कि यह बच्ची सीस्टीनोसीस (किडनी सम्बन्धित) गंभीर बिमारी से ग्रस्त है, जिसकी डॉक्टरी सलाह अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान, जोधपुर (राज०) या सिविल हॉस्पीटल अहमदाबाद (गुजरात) से मिलती है। इस रोग की दवाईयां देश में उपलब्ध नहीं होने से फ्रांस से मंगवानी पड़ रही है, जिस पर आयात शुल्क एवं अन्य टैक्स लगने से लगभग 3 लाख रुपये का प्रतिवर्ष खर्च आ रहा है। सांसद डॉ रावत ने अनुरोध किया था कि ऐसी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए उक्त दवाईयां निःशुल्क या सस्ती दर पर उपलब्ध करवाने के लिए समुचित कार्रवाई की जानी चाहिए।
केंद्रीय मंत्री श्री नड्डा ने पत्र में सांसद डॉ रावत को जानकारी दी है कि 29 मार्च 2023 और 26 जुलाई 2023 की अधिसूचना के अनुसार, राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय ने 51 दुर्लभ बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों के लिए आयातित दवाओं या औषधियों पर मूल सीमा शुल्क (बी.सी.डी.) और एकीकृत माल और सेवा कर (आई.जी.एस.टी.) से पूर्ण छूट प्रदान कर दी है। अब स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को एक पत्र जारी कर अनुरोध किया है कि वे दुर्लभ बीमारियों की सूची को संशोधित करें, ताकि अब तक पहचानी गई सभी 63 दुर्लभ बीमारियों को इसमें शामिल किया जा सके। यह कार्रवाई पूर्ण होते ही देश के हजारों लोगों को इसका लाभ मिलेगा।