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जल संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत-शक्तावत

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04 Sep 19
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जल संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत-शक्तावत

वल्लभनगर । महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योंगकी विश्वविद्यालय के अधीनस्थ कृषि विज्ञान केंद्र नवानिया वल्लभनगर में जल शक्ति अभियान पर केंद्रित किसान मेले का आयोजन किया गया। भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के अधीनस्थ जल शक्ति अभियान को बढावा देने की दृष्टि से देश के २५६ जिलों में स्थित सभी कृषि विज्ञान केन्द्रों में इस प्रकार के किसान मेले का आयोजन एक साथ आज ही किया गया है।  कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ. आर.एल. सोनी ने बताया कि इस किसान मेले में मुख्य अतिथि माननीय विधायक वल्लभनगर श्रीमान गजेंद्र सिंह जी शक्तावत तथा अध्यक्षता एमपीयूएटी के माननीय कुलपति प्रोफेसर नरेंद्र सिंह राठौड ने की। माननीय अतिथि महोदय ने मेला स्थल पर लगी प्रसार शिक्षा निदेशालय, अनुसंधान निदेशालय एवं अनुसंधान केंद्र नवानिया पशु चिकित्सा महाविद्यालय वल्लभनगर के विभिन्न विभागों, निजी संस्थानों, कृषि आदान सप्लायर्स एवं बीज विक्रेता अंकुर सीड द्वारा प्रदर्शित नवीन तकनिको के विभिन्न स्टालों का अवलोकन किया। इस अवसर पर ९५० से अधिक किसान भाई, माता बहने तथा विद्यार्थी उपस्थित थे। कार्यक्रम में वल्लभनगर एवं नवानिया तथा आसपास के क्षेत्रों के विभिन्न जनप्रतिनिधियों श्री राम लाल जी उपाध्याय, रमेश जी डांगी, रतन जी, शंकर जी, गणेश जी एवं सरपंच सियाखेडी श्री भेरूलाल जी, संरपच वल्लभनगर श्री रूपगिरी गोस्वामी, डॉ. धरियाव सिंह चुण्डावत सदस्य प्रबंधक मण्डल एमएलएसयु ने  कार्यक्रम की शोभा बढाई। इस अवसर पर अधिष्ठाता सीटीएई डॉ. अजय शर्मा, अधिष्ठाता सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय डॉ. ऋतु सिंघवी, अधिष्ठाता मात्स्यकी महाविद्यालय डॉ. सुबोध शर्मा, चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ शिवकुमार शर्मा व उनकी फैकल्टी, क्षेत्रीय अनुसंधान निदेशक डॉ. शांति कुमार शर्मा विशेषाधिकारी डॉ. विरेंद्र नेपालिया एवं अतिथि वक्ता डॉ. पी.के. सिंह भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए माननीय विधायक महोदय श्रीमान शक्तावत जी ने जल संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास पर जोर दिया उन्होंने कहा कि खेत के पानी को खेत में व गांव के पानी को गांव में रोकने की व्यवस्था करनी होगी जिससे हमारे खेत एवं गांव में भूमि का जल स्तर बढ सके। उन्होंने कहा कि घरो में बारिश के पानी को भी बचाने की जरूरत है श्री शक्तावत ने सभा में उपस्थित सभी किसानो को जलशक्ति अभियान से जुडने के लिए गांठ बांधने एवं प्रत्येक व्यक्ति को जन्म दिन पर दो पेड लगाने की सलाह दी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता का रहे माननीय कुलपति प्रो. नरेंद्र सिंह राठौड ने बताया कि विश्व का सिर्फ ४ प्रतिशत जल हमारे देश मे उपलब्ध है और उसका भी सिर्फ १ प्रतिशत पानी राजस्थान में उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि खेती में ८० प्रतिशत जल का उपभोग होता हे, १५ प्रतिशत उद्यगो के लिए और ५ प्रतिशत घरेलू उपयोग में आता है। उन्होंने बताया कि राजस्थान मे जल संरक्षण एक परंपरा रही है क्योंकि हमारे प्रदेश का ७७ प्रतिशत भाग शुष्क व अर्ध शुष्क जलवायु से प्रभावित है। इस लिए उन्होंने न्यूनतम जल उपयोग वाली फसलों को अपनाने एवं खेती के प्रति रुझान बनाये रखने, आशावादी रहने और जलवायु परिवर्तन की बात भी कही।

कार्यक्रम में प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. एस.एल. मूंदडा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया एवं अपने  संबोधन मे उन्होंने बताया कि धान व गेहू में अधिक तथा मक्का में कम पानी चाहिए। उन्होंने किसानों को भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने की सलाह भी दी। कार्यक्रम मे अधिशासी अभियंता जल संरक्षण विभाग डॉ. आर के अग्रवाल ने भी जल संरक्षण से सम्बन्धित बात रखी। उन्होने बताया कि पुरे संभाग मे इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है। कार्यक्रम का संचालन डॉ. रघुवीर सिंह राठौड ने किया तथा धन्यवाद डॉ. शांति कुमार शर्मा ने ज्ञापित किया

 


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