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भारतीय लोक कला मण्डल में ओडिसी नृत्य कि शानदार प्रस्तुतियॉ

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23 May 19
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भारतीय लोक कला मण्डल में  ओडिसी नृत्य कि शानदार प्रस्तुतियॉ

उदयपुर |  भारतीय लोक कला मण्डल, द्वारा आयोजित किये जा रहे ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर के अन्तर्गत दिनांक १५ मई से चल रही ओडीसी नृत्य कार्यशाला का शानदार प्रस्तुतियों के साथ समापन हुआ।

भारतीय लोक कला मण्डल के मानद सचिव दौलत सिंह पोरवाल ने  बताया कि ७ दिवसीय ओडिसी नृत्य प्रशिक्षण कार्यशाला के समापन अवसर पर  मुख्य अतिथि ज्योति ककवानी, राजस्थान प्रशासनिक सेवा अधिकारी, विशिष्ट अतिथि श्रीनिवासन अय्यर, रियाज तहसीन उपाध्यक्ष भारतीय लोक कला मण्डल, दौलत सिंह पौरवाल मानद सचिव भारतीय लोक कला मण्डल,  आदि  गणमान्य अतिथियों ने दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम की शुरूआत की ।

भारतीय लोक कला मण्डल के निदेशक डॉ. लईक हुसैन ने बताया कि  कार्यक्रम कि शुरूआत में कार्यशाला के मुख्य प्रशिक्षक कृष्णेन्दु साहा और प्रतिभागीयों ने गुरू वंदना की और तत्पश्चात कृष्णेन्दु साहा द्वारा गुरू शर्मिला विश्वास द्धारा रचित ’’आवह्रान‘‘ नृत्य की प्रस्तुति दी गई, यह  नृत्य भूमि पूजन, भगवान श्री गणेश एवं सभी देवी देवताओं की वंदना  पर आधारित नृत्य था इसकी संगीत रचना संगीता गौसाई द्धारा कि गई।  तत्पश्चात कार्यशाला में भाग ले रहे  ०६ से १४ वर्ष तक के प्रतिभागीयों द्धारा  प. विक्रम घोश द्धारा रचित ’’मासूमियत की भाशा‘‘ पर आधारित नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी गई जिसमें नृत्य के माध्यम से बच्चों का आपस में खेलना, पद संचलन और बच्चों की हार जीत आदि के बहुत ही सुंदर दृश्य प्रस्तुत किये गये । उसके पश्चात १४ वर्ष अधिक उम्र के प्रतिभागीयों ने ’’अंनगिकम‘‘  नृत्य की प्रस्तुति दी जिसमें अभिनय दर्पण, हस्त मुद्रा, विनियोग, एक ताल का ठेका और ओडिसी नृत्य पद संचलन की प्रस्तुति दी गई, इस नृत्य की संगीत रचना गुरू शर्मिला विश्वस और श्रीजन चटर्जी द्वारा कि गई और अंत में मुख्य नृत्य प्रशिक्षक कृश्णेन्दु साहा द्धारा गुरू शर्मिला विश्वास और रामाहरी द्धारा रचित संगीत पर ’’शिव पार्वती शब्द ‘‘ नृत्य की प्रस्तुति दी इस नृत्य में भगवान शिव के ताण्डव और लास्य पर आधारित  नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी।

 

 

कार्यक्रम के अन्त में संस्था के निदेशक डॉ. लईक हुसैन ने कार्यक्रम में पधारे सभी गणमान्य अतिथियों और दर्शकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय लोक कला मण्डल अपनी स्थापना से ही न केवल राजस्थान बल्कि देश  के अन्य राज्यों की लोक कलाओं और संस्कृति का प्रचार करतें रहा है और इसी उद्धेष्य में संस्था परिसर में वर्ष भर इस तरह की कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता रहता है।

  डाँ हुसैन ने यह भी बताया की ओडीसी नृत्य के साथ साथ भारतीय लोक कला मण्डल द्वारा इस  ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर में लोक नृत्य, लोक गायन, लोक वादन, पेंटिग, पेपर क्राफ्ट, टेराकोटा क्राफ्ट एवं कठपुतली निर्माण तथा संचालन की कार्यशाला भी आयोजित की जा रही है जिसका समापन २० जून २०१९ को किया जाएगा । भाग लेने के इच्छुक प्रतिभागी दिनांक २५ मई तक अपना पंजीयन करा सकते है


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