उदयपुर। हमारे देश का पेपर उद्योग इन दिनों कई वैश्विक चुनौतियों का सामना कर रहा है जिनके कारण मांग और पूर्ति में अंतर आ गया है। इसके कुछ प्रमुख कारण विदेशों से आयात में कमी, डॉलर के मुकाबले रूपए की कीमतों का गिरना और एक्सपोर्ट का बढऩा आदि हैं। इससे घरेलू खपत के मुकाबले पेपर उत्पादन व आपूर्ति पहले की भांति सरलता और तरलता से नहीं हो पा रही है। इन चुनौतियों के बीच जेके पेपर इंडस्ट्रीज मजबूत रिसोर्सेज व दक्ष व्यापारिक रणनीतियों के चलते बड़े से लेकर हर छोटे स्तर तक अपनी उपस्थित दर्ज करवा रहा है।
ये विचार पुष्कर में जेके पेपर्स लिमिटेड की ओर से आयोजित दो दिवसीय चैनल पाटर््नर्स के क्षमतावर्धन कार्यक्रम में चीफ जनरल मैनेजर सेल्स एंड मार्केटिंग सैकत बासू ने व्यक्त किए। बासू ने कहा कि जिस दर से विकास दर बढ़ रही है, उसी दर से पेपर उद्योग भी नई ऊंचाइयों को छू रहा है। भारत में साक्षरता व विकास दर बढऩे के साथ ही इंटरनेट साक्षरता और जागरूकता भी बढ़ रही है। कहा यह जा रहा है कि डिजिटलाइजेशन का असर पेपर इंडस्ट्री पर होगा मगर मार्केट रिसर्च बताती है कि देश में पेपर इंडस्ट्री, खासतौर पर राइटिंग और प्रिंटिंग पेपर में 6 से 7 प्रतिशत की ग्रोथ होगी व यह उन्नति के नए शिखर पर विराजमान होगी।
दो दिन तक विभिन्न सत्रों में क्षमतावर्धन, उद्योग व मानव प्रबंधन, विक्रय कला, तकनीकी उन्नयन आदि पर विभिन्न सत्रों में वैचारिक मंथन हुआ।
दूसरे सत्र में डिप्टी जनरल मैनेजर मार्केटिंग (टेक्निकल सर्विसेज) बी. दास ने जेके पेपर इंडस्ट्री के विभिन्न उत्पादों की तकनीकी जानकारी साझा करते हुए कहा कि जेके पेपर्स ने हमेशा प्रदूषण, पर्यावरणयी परिस्थितियों तथा आने वाले समय की मांग व चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए बरसों पहले ही कई दूरगामी प्रयास शुरू कर दिए थे। हम पेपर बनाने के लिए एक पेड़ काटते हैं तो बदले में पांच पेड़ लगाते हैं। बरसों से चली आ रही इस व्यवस्था ने आज हमें उस मुकाम पर ला खड़ा किया है जहां हम बाजार को लीड कर रहे हैं। हम सार्वजनिक रूप से उपलब्ध पेड़ों को नहीं काटते बल्कि अपनी ओर से संचित की गई पेड़ों की हरित निधि का उपयोग करते हैं। हमारा यह मॉडल पूरे विश्व में सराहा और अनुसरित किया जा रहा है।
डीजीएम एचआर अभिषेक कुमार ने कहा कि अब हमें पेपर उद्योग में छोटे कस्बों व गांवों में अपनी सशक्त उपस्थित दर्ज करवानी है तथा व्यापारिक रिश्तों को और अधिक बेहतर बनाते हुए सतत सफलता का लक्ष्य प्राप्त करना है। उदयपुर के पाश्र्वकल्ला पेपर्स के डॉ. तुक्तक भानावत ने बताया कि क्षमतावर्धन कार्यक्रम में प्रतिभागियों को जेके पेपर उद्योग के विविध आयामों के साथ ही पेपर निर्माण और विपणन की प्रकिया और इससे जुड़े कई नए वैज्ञानिक व तकनीकी पक्षों के बारे में भी जानकारी दी गई।
उद्योग के व्यावहारिक पहलुओं पर सवाल-जवाब सत्र में चिंतन हुआ। इस अवसर पर जयपुर से राजस्थान पेपसेल्स प्रा. लि. के श्यामसुंदर डागा, श्री एंटरप्राइजेज से आशीष डालमिया, बालाजी पेपर एजेंसी से अजय मिश्रा, ब्यावर मंगल पेपर्स से सुशील मंगल, बीकानेर सेल्स कॉरपोरेशन से मोहन पुंगलिया, जोधपुर कामधेनू मार्केटिंग से अजय गोयल, उदयपुर से पाश्र्वकल्ला पेपर्स के डॉ. तुक्तक भानावत, जैन भंडारी एंड कम्पनी से चंद्र भण्डारी, जोनल मैनेजर नोर्थ विवेक अब्रोल एवं डिप्टी मैनेजर नार्थ उमेश कत्याल भी उपस्थित थे।
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