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मेजबान विद्यापीठ टीम बनी ऑल इंडिया इंटर जोनल महिला हैंडबॉल स्पर्धा की चेम्पियन

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16 Apr 24
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मेजबान विद्यापीठ टीम बनी ऑल इंडिया इंटर जोनल महिला हैंडबॉल स्पर्धा की चेम्पियन

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- विजेता टीम को कुलपति ने की एक लाख रूपये की नकद राशि देने की घोषणा 
- सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षा के साथ खेल जरूरी - प्रो. अजित कुमार कर्नाटक
- विद्यापीठ जल्दी ही शुरू करेगा खेलों में डिग्री कोर्स - प्रो. सारंगदेवोत

उदयपुर 16 अप्रेल। जर्नादनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय की मेजबानी में भूपाल नोबल्स विवि के खेल मैदान पर खेली गई पांच दिवसीय ऑल इंडिया इंटर जोनल महिला हैंडबॉल स्पर्धा का खिताब मेजबान टीम राजस्थान विद्यापीठ ने राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर को हराकर अपने नाम कर लिया है। मंगलवार को हुए बेहद रोमांचक और कड़े फाइनल मुकाबले में राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय की टीम ने जयपुर विवि को 05 गोल से हरा 2023-24 की चैम्पियनशीप अपने नाम कर ली। दूसरे मुकाबले में चैधरी बंशीलाल विवि भिवानी ने गुरूनानक देव विवि अमृतसर को 12 गोल से हरा कास्य पदक अपने नाम किया। बेस्ट प्लेयर का अवार्ड जयपुर विवि की आरती, बेस्ट कीपर व बेस्ट वेल्युबल प्लेयर का अवार्ड विद्यापीठ टीम की हेमलता व जस्सी को दिया गया।  समापन समारोह के मुख्य अतिथि एमपीयूएटी विवि के कुलपति प्रो. अजित कुमार कर्नाटक, विशिष्ठ अतिथि कुल प्रमुख भंवर लाल गुर्जर, पीठ स्थविर डॉ. कौशल नागदा, रजिस्ट्रार डॉ. तरूण श्रीमाली, विद्या प्रचारिणी सभा भूपाल नोबल्स संस्थान के संयुक्त सचिव राजेन्द्र सिंह ताणा, नवल सिंह जुड़, गजेन्द्र सिंह,  अन्तरराष्ट्रीय हैण्डबॉल कोच विरेन्द्र कुमार, सुखाड़िया  विवि के डॉ. दिपेन्द्र सिंह चैहान, डॉ. युवराज सिंह राठौड़, डॉ. दिलीप सिंह चैहान, डॉ. संतोष लाम्बा, डॉ. रोहित कुमावत ने विजेता टीम को स्वर्ण, रजत, कास्य पदक के साथ चमचमाती ट्राफी दी। समापन समारोह में विजेता तथा उपविजेता एवं तृतीय स्थान पर रही, चारों टीमों को क्रमशः स्वर्ण पदक, रजक पदक और कांस्य पदक के साथ टूर्नामेंट की ट्रॉफी प्रदान की गई । विजेता टीम को एक लाख रूपये की नकद राशि देने की घोषणा करते हुए कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने बताया कि विद्यापीठ निरंतर खेलों को बढ़ावा देने के लिए अग्रणी रहा है, पूर्व में विद्यापीठ की टीम कड़ी मेहनत के साथ वेस्ट जोन हैण्डबॉल प्रतियोगिता में भी स्वर्ण पदक प्राप्त किया है यह हमारे लिए गर्व की बात है। 
एमपीयूएटी के कुलपति प्रो. अजित कुमार कर्नाटक ने अपने संबोधन में वर्तमान समय में खेली और शिक्षा के बेहतरीन तालमेल एवं उसके प्रभावों की चर्चा की। साथ ही नई शिक्षा नीति के संदर्भ में शिक्षा को परिभाषित करते हुए कौशल और खेलों को पढ़ाई का विशेष अंग बताया तथा खेलों में स्नातक डिग्रियों को करवाने की बात कही। उन्होंने कहा कि देश की खेल प्रतिभा को बेहतरीन मौके विशेष प्रशिक्षण एवं सुविधाएं प्रदान करते हुए प्रभावशाली खिलाड़ी बनाने की आवश्यकता है। शिक्षा का तात्पर्य केवल किताबी ज्ञान नहीं अपितु शिक्षा का तात्पर्य खेल भी है जो यह सिखाता है कि जितना खेलेंगे उत्तर स्वस्थ रहेंगे। जितना स्वस्थ रहेंगे उत्तर सीख सकेंगे और जितना सीख सकेंगे, उतना संघर्षों से निकलकर जीवन में आगे बढ़ सकेंगे। उन्होंने विजेता खिलाड़ियों के साथ-साथ प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि विजेता होने का मतलब कोई स्थान विशेष प्राप्त करना नहीं बल्कि विजेता होने का मतलब लगातार खेलना है, खड़ा होना है और अपने सपनों को पूरा करने के लिए लगातार मेहनत करना है। प्रोफेसर कर्नाटक ने विद्यापीठ के संस्थापक मनीषी पं. जनार्दन राय नगर द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान की भी चर्चा की। 
अध्यक्षीय उद्बोधन में विद्यापीठ के कुलपति प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत ने कहा कि संस्थान लगातार खेल और खेलों के लिए नए प्रयास करता रहता है। इसी कड़ी में बहुत जल्द राष्ट्रीय शिक्षा नीति की रोशनी में खेलों में डिग्री प्रारंभ की जाएगी। उन्होंने जीवन में खेलो के महत्व और उनके व्यक्तित्व एवं स्वास्थ्य पर प्रभाव को बताते हुए सभी को खेलों से जुड़ने और उनके प्रोत्साहन की दिशा में कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि खेल खेल भावना के साथ-साथ जीवन प्रबंधन एवं समूह भावना , समस्या समाधान और परिस्थिति के अनुरूप व्यवहार करना भी खेलों के द्वारा हमारे जीवन में विकसित होतें है। वर्तमान जीवन शैली से जिस प्रकार के परिवर्तन देखने में आए हैं ।खेलों के द्वारा काफी हद तक बदली जीवन शैली की समस्याओं का समाधान प्राप्त किया जा सकता है।
सुखाड़िया विश्वविद्यालय के योग समन्वयक डॉ. दीपेंद्र सिंह चैहान ने संस्थान द्वारा किए गए कार्यों में शैक्षणिक कार्यों के साथ-साथ खेलों को प्रमुखता से शामिल करने तथा खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए किए गए विशेष प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि सभी विश्वविद्यालयों में यदि खेलों और खिलाड़ियों के लिए विशेष रूप से सकारात्मक प्रयास किया जाए तो देश खेल शक्ति के रूप में विश्व भर में अपना नाम रोशन करेगा। 
समारोह में कुल प्रमुख भंवर लाल गुर्जर ने  समारोह की सफलता पर प्रो. सारंगदेवोत को बधाई देते हुए कहा कि संस्थान शिक्षा शिक्षा के साथ साथ खेलों को बढ़ावा देने में भी अग्रणी रहा है। समारोह में विद्यापीठ कन्या महाविद्यालय की छात्राओं ने राजस्थानी गीतों पर रंगारंग प्रस्तुतियाॅ दी। 
इंटर जोनल महिला हैंडबॉल चैंपियनशिप के पांच दिवसीय आयोजन एवं गतिविधियों का प्रतिवेदन आयोजन सचिव डॉ. दिलीप सिंह चैहान ने प्रस्तुत किया स्वागत उद्बोधन रजिट्रार डॉ. तरुण श्रीमाली ने दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अनीता राठौर ने किया धन्यवाद डॉ. रोहित कुमावत ने ज्ञापित किया। पूरे खेल आयोजन को सफल बनाने के लिए अपना सहयोग प्रदान करने और आयोजन को सफल बनाने वाली टीम के कार्यकर्ताओं को अतिथियों द्वारा स्मृति चिन्ह देकर पुरस्कृत किया गया।
निजी सविच केके कुमावत ने बताया कि इस मौके पर प्रो. सरोज गर्ग, परीक्षा नियंत्रक डाॅ. पारस जैन, प्रो. गजेन्द्र माथुर, डाॅ. कला मुणेत, डाॅ. युवराज सिंह राठौड़, डाॅ. बलिदान जैन, डाॅ. राजन सूद, डाॅ. मनीष श्रीमाली, डाॅ. सुनिता मुर्डिया, डाॅ. हेमराज चैधरी, डाॅ. भुपेन्द्र सिंह चैहान, डाॅ. जोगेन्द्र सिंह खंखारा, डाॅ. ओम सिंह, डाॅ. दिलीप सिंह, डाॅ. शैलेन्द्र मेहता, डाॅ. अमी राठौड़, डाॅ. रचना राठौड़, डाॅ. आशीष नंदवाना, प्रो. आईजे माथुर, डाॅ.  डाॅ अजितारानी, डाॅ. नवीन विश्नोई, डाॅ. हिम्मत सिंह चुण्डावत, डाॅ. अमित दवे, डाॅ. ममता कुमावत, इतिका जैन, डाॅ. इंदू आचार्य, डाॅ. शीतल चुग, डाॅ. शानु शक्तावत, डाॅ. सुभाष पुरोहित, अनिता राजपुत सहित विद्यापीठ के डीन, डायरेक्टर व शहर के खेलप्रेमी उपस्थित थे। 


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