प्रतापगढ -माननीय राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर एवं श्रीमान् आलोक सुरोलिया-माननीय अध्यक्ष महोदय, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (जिला एवं सत्र न्यायाधीश) प्रतापगढ के निर्देशन में प्रतापगढ न्यायाक्षेत्र में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया।
राष्ट्रीय लोक अदालत के अवसर पर जिले में लंबित राजीनामा योग्य प्रकरणों में न्यायालयों में लंबित ६१६ एवं १६१ प्रि-लिटिगेशन के प्रकरणों का निस्तारण किया गया।
राष्ट्रीय लोक अदालत बैंच प्रथम के अध्यक्ष श्रीमान् आलोक सुरोलिया, जिला एवं सेशन न्यायाधीश, प्रतापगढ व सदस्य श्री पुखराज मोदी-अधिवक्ता ने जिला एवं सेशन न्यायालय, प्रतापगढ एवं विशिष्ठ न्यायालय, अजा/अजजा प्रकरण, प्रतापगढ के प्रकरणों में राजीनामें का प्रयास किया, इसी प्रकार बैंच द्वितीय के अध्यक्ष श्रीमान् महेन्द्र कुमार मेहता, न्यायाधीश, मोटरयान दुर्घटना दावा अधिकरण, प्रतापगढ व सदस्य श्री रमेश चन्द्र शर्मा ’’द्वितीय‘‘-अधिवक्ता ने मोटरयान दुर्घटना दावा अधिकरण, प्रतापगढ एवं पारिवारिक न्यायालय, प्रतापगढ के प्रकरण, बैंच तृतीय के अध्यक्ष श्रीमान् शिवप्रसाद तम्बोली, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश) प्रतापगढ एवं सदस्य श्री तेजपाल सिंह राठौड-अधिवक्ता ने समस्त प्रि-लिटीगेशन प्रकरण, बैंच चतुर्थ की अध्यक्षा श्रीमति रश्मि आर्य-मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, प्रतापगढ व सदस्य सुश्री कला आर्य-अधिवक्ता ने न्यायालय- मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, प्रतापगढ व न्यायालय- अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट, प्रतापगढ के प्रकरण, बैंच पंचम के अध्यक्ष श्री अंकित दवे, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, प्रतापगढ व सदस्य श्री प्रवीण बोरदिया-अधिवक्ता ने न्यायालय- अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, प्रतापगढ के प्रकरणों एवं तालुका अरनोद पर अध्यक्षा श्रीमति कुसुम सुत्रकार- अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, अरनोद व सदस्य श्री जसपाल आंजना-अधिवक्ता ने न्यायालय- अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, अरनोद प्रतापगढ, तालुका छोटीसादडी पर अध्यक्ष श्री देवेन्द्र सिंह पंवार- अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, छोटीसादडी ने न्यायालय- अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, छोटीसादडी, तालुका धरियावद पर अध्यक्ष श्री हरीश मेनारिया- अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, धरियावद ने न्यायालय- अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, धरियावद में भरसक प्रयास करते हुए अधिक से अधिक राजीनामे करवाने का प्रयास किया।
समस्त बैंच अध्यक्ष न्यायिक अधिकारीगण एवं अधिवक्ताओंगण के प्रयास एवं मेहनत से न्यायालयों में लम्बित प्रकरणों जैसे शमनीय दाण्डिक अपराध, अंतर्गत धारा १३८ परक्राम्य विलेख अधिनियम, बैंक रिकवरी मामलें, एम.ए.सी.टी. मामलें, पारिवारिक विवाद, श्रम-विवाद, भूमि अधिग्रहण मामले, बिजली व पानी के बिल (चोरी के अलावा), मजदूरी, भत्ते और पेंशन भत्तों से संबंधित सेवा मामले, राजस्व मामले, अन्य सिविल मामले (किराया, सुखाधिकार, निषेधाज्ञा दावे एवं विनिर्दिष्ट पालना दावे) आदि मामलों में अथक प्रयास करते हुए जरिये राजीनामा निस्तारण करवाया गया।