प्रतापगढ/ आज दिनांक ०६.०९.२०२१ को माननीय राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के एक्शन प्लान अनुसार राजकीय सम्प्रेक्षण एवं किशोर गृह लुहारिया का १२ः२० पी.एम. पर प्राधिकरण सचिव, अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश शिव प्रसाद तम्बोली द्वारा विजिट की गई। सम्प्रेषण गृह में विधि से संघर्षरत (बाल अपचारी) कुल ०६ बालक एवं उपेक्षित कुल ०४ बालक एवं भवन में ही संचालित शिशुगृह में ०२ शिशु पाये गये। निराश्रित बच्चों के संबंध में प्राधिकरण सचिव ने उपस्थित स्टॉफ को निर्देश दिया गया कि बच्चों को अपने परिवार या निकटस्थ रिश्तेदार के परीवार में स्थापित करवाया जा सके, इसके लिये बाल कल्याण समिति, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के माध्यम से बच्चों के रिश्तेदारों को बुलाकर काउंसलिंग कराई जावे तथा आवश्यक हो तो इसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण प्रतापगढ का सहयोग भी लिया जावे। उपस्थित बाल अपचारियों से रूबरू होते हुए उनको अपराध से दूर रहने और समाज से जुडने हेतु प्रेरित किया गया। दोनों शिशुओं की गोद देने की कार्यवाही जारी होना उपस्थित स्टॉफ ने बताया।
दौराने विजिट सम्प्रेषण गृह, किशोर गृह व शिशु गृह में बच्चों के रहने, खाने-पीने, आदि के आदि सुविधाओं का जायजा लिया तथा साफ सफाई व्यवस्था देखी गई, जो संतोषप्रद पाई गई। बच्चों को किशोर न्याय अधिनियम में प्रदत्त उनके अधिकारों के बारे में बताया गया।
इसी दिवस जिला चिकित्सालय परिसर में संचालित वन स्टॉप सेन्टर का निरीक्षण किया गया। जहां केस वर्कर टीना मालवीय, आईटी वर्कर रीना सिन्धल, हेल्पर सुनिता चौहान तथा सुरक्षाकर्मी लालराम उपस्थित पाये गये। सचिव ने उपस्थित कर्मचारी को निर्देश दिये की वन स्टॉप सेन्टर की मंशा के अनुरूप समस्त कर्मचारी तत्परता एवं निष्ठा से पीडित महिलाओं की सहायता करें। आश्रय, चिकित्सा, भोजन व विधिक सहायता उपलब्ध करवायें एवं उनकी समस्याओं का त्वरित रूप से निस्तारण का प्रयास करें।
वन स्टॉप सेन्टर के स्टॉफ ने बताया कि महिलाओं को पांच दिवस तक रहने की सुविधा है तथा उनके लिये रहने, खाने-पीने की भी सुविधा है। सेन्टर में संचालित विभिन्न रजिस्टरों का भी अवलोकन किया गया। उपस्थित स्टॉफ ने बताया कि सेंटर पर पीने के पानी व वापरने के पानी की भारी समस्या है, जिसके लिये महिला एवं बाल विकास विभाग को समस्या समाधान के लिये लिखा जावेगा।