प्रतापगढ/ राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार सम्पूर्ण राजस्थान में प्राप्त दिशा-निर्देशों के अनुसार महात्मा गांधी की १५० वीं जयंती (०२ अक्टूबर २०१९) के अवसर पर ’’प्लास्टिकरुना बाबा ना‘‘ कैंपेन का शुभारंभ किया जाना है। जिसके तहत आज जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में आज इस कैंपेन का शुभारंभ किया गया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश) लक्ष्मीकांत वैष्णव ने जानकारी में बताया कि प्राधिकरण अध्यक्ष राजेन्द्र कुमार शर्मा (जिला एवं सेशन न्यायाधीश) की अध्यक्षता में आज ए०डी०आर० भवन में बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें वर्तमान परिप्रेक्ष्य में प्लास्टिक के उपयोग से केंसर जैसी खतरनाक बीमारियों की आशंका बढती जा रही है।
संपूर्ण भारत में महात्मा गांधी की १५० वीं जयंति के अवसर पर सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर रोक लगाया जाना राष्ट्रीय स्तर पर प्रकि्रयाधीन है। इसके अंतर्गत ६ सिंगल यूज प्लास्टिक आईटम्स (पॉलीथीन बैग्स, स्ट्रा, कप्स, प्लेट्स स्मॉल बॉटल्स व विशेष प्रकार के पाउच) अर्थात जो एक बार उपयोग में लेने के उपरांत फेंक दिये जाते हैं, ऐसे प्लास्टिक आईटम्स पर पूर्णतया रोक लगाया जाना अति-आवश्यक है। वर्तमान समय में ऐसे प्लास्टिक आईटम्स उपयोग करने का आम जन आदी हो चुका है। परंतु सिंगल यूज प्लास्टिक की रोकथाम एवं इनकी वैकल्पिक व्यवस्था करने और आम जन में इसके प्रति संवेदनशीलता और जागरूकता जगाने हेतु इस विशेष कैम्पेन का आयोजन किया जाना नितांत आवश्यक है।
इसी उद्धेश्य को सार्थक बनाने के लिये जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं प्रशासन के साथ विभिन्न संगठनों, स्काउट गाईड, पुलिस प्रशासन, शिक्षा विभाग आदि जिले के समस्त आला अधिकारियों की बैठक का आयोजन ए०डी०आर० सेन्टर में किया गया।
उक्त विशेष कैंपेन के आगाज के सुअवसर पर उपस्थित समस्त न्यायिक अधिकारिगण ने न्यायालय परिसर में स्वच्छता और प्लास्टिक उपयोग के बेन पर अपनी सहमति जताई और एक स्वर में उक्त अभियान को सफल बनाने हेतु भरसक प्रयास का आश्वासन दिया।
आयोजित कार्यक्रम में प्लास्टिक से निर्मित प्लेट्स, ग्लास, कप, चम्मच, कटोरी, होटल में खाना पैक करने की प्लास्टिक से बनी थाली/सामग्री, स्ट्रा, खाद के लिये प्रयुक्त होने वाला प्लास्टिक और सजावट के लिये उपयोग में आने वाली प्लास्टिक की वस्तुएं प्रतिबंधित है। इसी के साथ प्लास्टिक की पानी बोतलें, पाउच, कैरी बेग आदि भी प्रतिबंधित है।
उक्त प्रतिबंधित वस्तुओं के साथ ही प्रशासन और प्राधिकरण की बैठक में जानकारी में आया कि प्लास्टिक की कुछ वस्तुएं उपयोग के योग्य हैं, जो प्रतिबन्धित नहीं है। जैसे २०० मी.ली. से अधिक की पीईटी/पीईटीई बोतलें (बाय बेक ऑप्शन के साथ), आयात/निर्यात के सामान को पैक करने वाली प्लास्टिक सामग्री, खेती, बागवानी, नर्सरी में काम आने वाले प्लास्टिक बैग, पैकेजिंग के काम में आने वाले पेपर से बने कार्टन, जिन पर प्लास्टिक की परत चढी हो, दूध भरने का वर्जीन प्लास्टिक (५० माईक्रोन से अधिक) आने वाले थिक, प्लास्टिक बैग (बाय बेक ऑप्शन के साथ), रिसाईकिल योग्य कई परत वाले प्लास्टिक, घरेलू उपयोग में आने वाला प्लास्टिक, दवाईयां एवं चिकित्सा में उपयोग होने वाले उपकरण, रिसाईकल होने वाली स्टेशनरी जो शिक्षा एवं कार्यालय के उपयोग योग्य नष्ट किये जाने योग्य प्लास्टिक शामिल हैं।
इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश) लक्ष्मीकांत वैष्णव ने आगे बताया कि उक्त कैंपेन के सुचारू कि्रयान्वयन के लिये जिले में विभिन्न स्तर पर टास्क फोर्स टीमों का गठन किया गया। प्रत्येक टीम में ०५ सदस्य होंगे। जो इस अभियान की टैग लाईन ’’प्लास्टिक ना बाबा ना‘‘ के उद्धेश्य को साकार स्वरूप देने हेतु कार्य करेंगी।
०२ अक्टूबर प्रातः ०६ः३० बजे से ०८ः३० बजे तक टॉस्क फोर्स अपना काम देखेंगी। प्रत्येक टॉस्क फोर्स में २५ से ३० सदस्य अलग से टॉस्क फोर्स के नोडल अधिकारी अपने विवेक से नियुक्त करेंगे।
टॉस्क फोर्स जिला कलक्टर, जिला पुलिस अधीक्षक, न्यायालय परिसर हेतु मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, आयुक्त नगर परिषद, आदि अधिकारिगण की अध्यक्षता संचालित होंगी। साथ ही पीडब्ल्यूडी, आर एस ईबी, और अन्य विभागों के अधिकारिगण भी अपने द्वारा संचालित टॉस्क फॉर्स का नेतृत्व करेंगे।
जिला एवं सेशन न्यायाधीश (प्राधिकरण अध्यक्ष) राजेन्द्र कुमार शर्मा ने यह भी बताया कि यह मिशन माननीय नालसा (सुप्रीम कोर्ट) एवं रालसा (माननीय उच्च न्यायालय) के निर्देशानुसार सर्वोच्च प्राथमिकता से सम्पादित किया जाने वाला कार्यक्रम है। इस संबंध में समस्त विभाग पूरे मनोयोग से सहयोग करेंगे। ०२ अक्टूबर को गांधी जयंति है, और उक्त कार्यक्रम स्वच्छ भारत अभियान का ही अंग है। इस केंपेन के जरिये सम्पूर्ण प्रतापगढ को प्लास्टिक मुक्त किया जाना है।