पेसिफिक विश्वविद्यालय में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय कान्फ्रेंस के दूसरे दिन प्रथम तकनीकी सत्र में जापान के वैज्ञानिक प्रो. काजुहीरो मारूमोटो ने 'सोलर सेल' विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए बताया कि कम लागत और सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में रूपान्तर की उच्च क्षमता के गुण के कारण शीघ्र ही पेरोव्स्काइट खनिज पदार्थों से बनने वाले सोलर सेल पारम्परिक सिलिकॉन सेल की जगह ले सकते है, परन्तु इन पदार्थों का स्थायित्व बढाना एक चुनौती है। दूसरे आंमत्रित व्याख्यान में उत्तर गुजरात विश्वविद्यालय, पाटन की प्रो. संगीता शर्मा ने अलजाइमर रोग के उपचार में गकगो बाइलोवा नामक औषधि की क्रियाशीलता एवं प्रबलता का आकलन करने में मॉलीक्यूलर मोडंलंग प्रक्रिया पर प्रकाश डाला। इसी सत्र में मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के डॉ. सिद्धार्थ शर्मा ने आंमत्रित व्याख्यान में बताया कि आइसोसायनाइड को कार्बनिक वैद्युत संष्लेशण के साथ जोडने से विभिन्न रोगनिवारक पदार्थों का सफलतापूर्वक निर्माण हो सकता है। इन सत्रों की अध्यक्षता प्रो. रामेश्वर आमेटा, प्रो. विनीता शर्मा, डॉ. अजित जोशी तथा प्रो. शिप्रा भारद्वाज ने की। द्वितीय तकनीकी सत्र में प्रतिभागियों द्वारा २० मौखिक शोध-पत्र तथा ४० पोस्टर द्वारा शोध-पत्र प्रस्तुत किये गये। समारोह में वरिष्ठ वैज्ञानिक वर्ग में प्रवीण पालीवाल पेसिफिक विश्वविद्यालय, डॉ. जाकिर हुसैन हिम्मतनगर नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, विज्ञान महाविद्यालय, डॉ. एस. पी. व्यास हिम्मतनगर नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, विज्ञान महाविद्यालय एवं विपुल पटेल पंडित दीनदयाल ऊर्जा विश्वविद्यालय गांधीनगर तथा कनिष्ठ वैज्ञानिक वर्ग में राजमोली औकर तरसाडिया विश्वविद्यालय, दुश्यन्त प्रजापत राजकीय मीरा कन्या महाविद्यालय, डॉ. खुशबू शर्मा बी. एन. विश्वविद्यालय एवं मुकेश दान्तला गोविन्द गुरू जनजाति विश्वविद्यालय बांसवाडा को श्रेष्ठ षोध पत्र प्रस्तुत करने के लिए पुरूस्कृत किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. नीतू शोरगर तथा धन्यवाद डॉ. सीमा कोठारी ने ज्ञापित किया।