रक्षा लेखा खेल नियंत्रक बोर्ड (DASCB) के अंतर्गत 26 दिसम्बर से दसवीं अखिल भारतीय रक्षा लेखा विभाग बैडमिंटन प्रतियोगिता का आरम्भ अटल बिहारी बाजपेई मल्टीपरपज इंडोर हाल उदयपुर में किया गया।
स्पर्धा में 140 प्रतिभागी है जिसमे 48 महिला प्रतिभागी सम्मिलित है। 26 दिसंबर से आरम्भ होने वाले चार दिवसीय क्रीड़ा महोत्सव का समापन 29 दिसंबर को होगा जिसमें विजेताओं को पुरस्कृत किया जाएगा।
उक्त प्रतियोगिता में देश भर से 31 टीम आपस में स्पर्धा कर रही है । 31 टीम में से 16 टीम PCDA कार्यालयों से तथा 15 टीम CDA कार्यालयों से सम्मिलित हुई है ।
इस कार्यक्रम का शुभारंभ रक्षा लेखा प्रधान नियंत्रक (दक्षिण कमान) डा.राजीव चव्हाण द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया । अपने उद्धघाटन उद्बोधन में डा. चव्हाण ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए उनका उत्साहवर्धन किया उन्होंने बताया कि खेल हमारे जीवन का अनिवार्य अंग है जिससे न केवल उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त होता है बल्कि टीम वर्क और सहिष्णुता जैसे गुणों का भी विकास होता है।
इसके अतिरिक्त उन्होंने रक्षा लेखा विभाग के लिए खेलो के विकास हेतु आधारभूत संरचना के विकास की अत्यावश्यकता बताते हुए पुणे में विभिन्न खेलों के लिए एक स्टेडियम विकसित किए जाने का आश्वासन दिया जिसके माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री जी की खेलो इंडिया योजना के स्वप्न को साकार किया जा सकता है। इसके बाद राजस्थानी कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।
डा. राजीव चव्हाण ने क्षेत्रीय कार्यालयों के निरीक्षण तथा कमान के उच्चस्तरीय सैन्य अधिकारियों से बैठक के क्रम में उदयपुर पदार्पण किया । उन्होने उदयपुर सैन्य ब्रिगेड के कमांडर ब्रिगेडियर एस. रामाकृष्णन से उनके कार्यालय में मुलाकात की और लेखा संबंधित मसलों पर चर्चा कर लंबित मामलो का त्वरित निस्तारण व समाधान किया।
उन्होने "ई-बजट" प्रक्रिया तथा "इ कैश ड्रिल" के विषय में बताया कि यह प्रोजेक्ट अपने क्रियान्वयन के अंतिम चरण में है। इसके अलावा उन्होने "फेसलेस बिल पासिंग प्रोजेक्ट" के विषय में भी जानकारी प्रदान की, जिससे भुगतान प्रक्रिया आसान व पारदर्शी बन सकेगी ।
प्रधान नियंत्रक महोदय ने करदाताओं के धन का न्यायसंगत व विवेक सम्मत उपयोग पर बल देते हुए अनुर्वर व्यय रोकने की सलाह दी।इसी क्रम में प्रधान नियंत्रक महोदय द्वारा अहमदाबाद का दौरा किया जाएगा। राजस्थान के सैन्य स्टेशन के दौरान श्री शूरवीर सिंह सांखला भी प्रधान नियंत्रक के साथ रहे तथा स्थानीय सैन्य लेखा समस्याओं से उन्हे पूर्व अवगत करवाया