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बदलाव स्वूली छात्रों के बस्ते का बोझ घटाएगा ईं-बस्ता

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13 Nov 17
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नईं दिल्ली, स्कूली छात्रों पर बस्ते का बोझ कम करने के लिये सरकारईं बस्ताकार्यांम को आगे बढ़ा रही है। इसके जरिये छात्र अपनी रूचि और पसंद के मुताबिक पाठ्य सामग्री डाउनलोड कर सकेंगे। साथ ही स्कूलों में डिजिटल ब्लैकबोर्ड भी लगाया जायेगा।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने भाषा को बताया कि स्कूली बच्चों पर बस्ते के बढ़ते बोझ को कम करने के लिये यह कार्यांम शुरू किया गया था और छात्रों, शिक्षकों ने इसमें काफी रूचि दिखाईं है। यह एक ऐसा प्लेटफार्म है जहाँ छात्र, शिक्षक एवं रिटेलर्स एक साथ मिलकर एक दूसरे की ज़रूरत को पूरा कर सकते हैं। ईं -बस्ता के जरिये गाँव एवं छोटे शहरों के छात्र भी आसानी से इसका लाभ उठा सकते हैं। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कुछ ही दिन पहले कहा था कि देशभर के छात्रों को डिजिटल शिक्षा पद्धति से जोड़ने की पहल के तहत आने वाले र्वषाे में देश के सभी स्कूलों मेंआपरेशन डिजिटल ब्लैक बोर्डको लागू किया जायेगा। इसका मकसद देश के सभी छात्रों को डिजिटल शिक्षा पद्धति से जोड़ना है। प्रधानमंत्री की डिजिटल इंडिया पहल के तहत शिक्षा को डिजिटल माध्यम से जोड़ने की पहल की जा रही है। इसके तहत ईं स्वूली छात्रों के बस्ते का बोझ घटाएगा ईं-बस्ता .ईं-बस्ते के जरिए छात्र अपनी रुचि व पसंद के अनुसार डाउनलोड कर सवेंगे सामग्री .इसके जरिए गांव व छोटे शहरों के छात्र भी आसानी से उठा सवेंगे लाभ बस्ता और ईं पाठशाला कार्यांम को आगे बढ़ाया जा रहा है। राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईंआरटी) स्कूलों में पहली से 12वीं कक्षा के लिए ईं सामग्री तैयार कर रही है। परिषद को यह काम एक वर्ष में पूरा होने की उम्मीद है। एनसीईंआरटी के आंकड़ों के अनुसार, ईं बस्ता के संदर्भ में अब तक 2350 ईं सामग्री तैयार की जा चुकी है। इसके साथ ही 53 तरह के ईं बस्ते तैयार किये गए हैं। अब तक 3294 ईं बस्ता को डाउनलोड किया जा चुका है। इसके अलावा 43801 ईं सामग्री डाउनलोड की जा चुकी है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने ईं बस्ता के संबंध में एक एप भी तैयार किया है जिसके जरिये छात्र टैबलेट, एंड्रायड फोन आदि के माध्यम से सामग्री डाउनलोड कर सकते हैं। स्कूलों में डिजिटल शिक्षा को आगे बढ़ाने की इस पहल के तहत मंत्रालय ने कुछ समय पहले 25 केंद्रीय विदृालयों में कक्षा आठ के सभी बच्चों को टैबलेट दिए जाने की एक प्रायोगिक परियोजना शुरू की थी।देश के सुदूर क्षेत्रों में स्कूलों में ईं शिक्षा एवं डिजिटल शिक्षा सुगम बनाने की पहल के तहत ही पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के दौरान आकाश टैबलेट परियोजना शुरू की गईं थी। इस संबंध में टैबलेट तैयार भी किये गए थे लेकिन यह परियोजना सफल नहीं हो सकी।
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