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मध्य प्रदेश में कोविड-19 की तैयारियों प्रबंधन और नियंत्रण उपायों की समीक्षा

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04 May 20
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मध्य प्रदेश में कोविड-19 की तैयारियों प्रबंधन और नियंत्रण उपायों की समीक्षा


 
गैर-प्रभावित जिलों में भी आक्रामक रूप से निगरानी के उपायों पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दीकेंद्र से राज्य को सभी प्रकार की सहायता का दिया आश्वासन
 
नई दिल्ली, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने मध्य प्रदेश में कोविड--19 की वर्तमान स्थिति, प्रबंधन और प्रगति की समीक्षा करने के लिए आज राज्य के स्वास्थ्य मंत्री श्री नरोत्तम मिश्रा के साथ विडियो  कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से बैठक की। बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे,केंद्र और राज्य के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे  ।
 
डॉ. हर्षवर्धन ने बैठक में मध्य प्रदेश में कोविड--19 की उच्च मृत्यु दर पर चिंता व्यक्त करते हुए, कहा कि "यह दर कुछ जिलों में राष्ट्रीय औसत से भी अधिक है"।  उन्होंने कहा “मृत्यु दर को कम करने के लिए राज्य उचित हस्तक्षेप,अधिक आक्रामक निगरानी और प्रारंभिक निदान आदि को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखे। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय की जरूरत है कि कोविड--19 से जुड़े मामलों का व्यवस्थित ढंग से निवारण किया जाए और इससे निपटने के व्यापक उपाय भी किए जाये। साथ ही केंद्र द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन किया जाए,ताकि ताजा मामलों के फैलाव को रोका जा सके। ”
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि राज्य को गंभीर रूप से प्रभावित श्वसन संक्रमणों (SARI) एवं इन्फ्लुएंजा लाइक इलनेस (ILI) सम्बन्धी मामलों की खोज, निगरानी और परीक्षण कर गैर-प्रभावित जिलों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि कोविड--19 को अन्य क्षेत्रों में फैलने से बचाया जा सके  । उन्होंने कहा कि वार्ड स्तर पर समुदाय में ऐसे  स्वयंसेवकों की पहचान की जाए  जो अपनी प्रभावी भूमिका से बार बार हाथ धोने, फिजिकल डिस्टेंसिंग जैसे बचाव के उपायों के लिए जागरूकता फैलाएं ।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा ''स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तत्काल और दीर्घकालिक उपायों के तहत स्वास्थ्य व्यवस्था को सशक्त  बनाने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य  मिशन के माध्यम से राज्य सरकार को पूरी सहायता देगा। उन्होंने 60  वर्ष से अधिक आयु के लोगों जिनमे कई गैर संचारी रोग भी हैं, उनके प्राथमिकता से निदान की जरुरत बताई ।
डॉ. हर्षवर्धन ने राज्य को राष्ट्रीय टी बी उन्मूलन कार्यक्रम, मातृ और शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम,डायलिसिस, वैक्सीनेशन जैसे कार्यक्रमों और सेवाओं को सुनिश्चित करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि इन सेवाओं में कोविड-19  के प्रबंधन के कारण बाधा उत्त्पन्न नहीं होनी चाहियें। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि स्वास्थ्य  प्रबंधन सूचना प्रणाली  पर विभिन्न रोगों का डेटा राज्यों के पास उपलब्ध होना चाहिए ताकि इसे जोखिम का पता लगाने के लिए उपयोग में लिया जा सकें ।
 
डॉ. हर्षवर्धन ने इंदौर प्रशासन और स्वास्थ्य अधिकारियों की 'सार्थक' और 'आरोग्य सेतु'  दोनों एप का कारगर रूप से उपयोग करने के लिए सराहना की और अन्य ज़िलों से कहा कि वे भी इन एप के उपयोग को लोकप्रिय बनाए।
 
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार कोविड--19 की रोकथाम और प्रबंधन के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ कई कदम उठा रही है। उच्चतम स्तर पर इनकी नियमित रूप से समीक्षा और निगरानी की जा रही है।
 
बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण सचिव सुश्री प्रीति सूदन, ओएसडी श्री राजेश भूषण, विशेष सचिव (स्वास्थ्य) श्री संजीव कुमार, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की अपर सचिव सुश्री वंदना गुरनानी, संयुक्त सचिव श्री विकास शील, संयुक्त सचिव डॉ मनोहर अगनानी, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण कार्यक्रम के निदेशक, डॉ एस  सिंह, के साथ मध्य प्रदेश सरकार प्रमुख सचिव स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, निदेशक एम्स, भोपाल, मध्य प्रदेश के सभी जिलों के जिला कलेक्टर / जिला मजिस्ट्रेट बैठक भी शामिल हुए।


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