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‘संस्कृत सिर्फ़ भाषा नहीं, हमारी विरासत और विज्ञान का भण्डार’

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10 Jul 25
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‘संस्कृत सिर्फ़ भाषा नहीं, हमारी विरासत और विज्ञान का भण्डार’

कोटा संस्कृत भारती कोटा महानगर के तत्वावधान में केशवपुरा स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में दस दिवसीय संस्कृत संभाषण शिविर का भव्य शुभारंभ सोमवार को हुआ। उद्घाटन समारोह के मुख्य वक्ता डॉ. ललित नामा, सहायक आचार्य (संस्कृत), ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि “संस्कृत केवल एक भाषा नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति, विरासत और वैज्ञानिक ज्ञान का भंडार भी है। संस्कृत में जीवन के उच्च आदर्श और विज्ञान के अद्भुत सूत्र निहित हैं। हमें गर्व होना चाहिए कि हम ऐसी भाषा को सीखने का अवसर पा रहे हैं।”
उन्होंने  संस्कृत भारती द्वारा चलाए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए बताया कि यह संगठन पैतालिस वर्षों से संस्कृत संभाषण को जन-जन तक पहुँचाने का कार्य कर रहा है और इस उद्देश्य से यह शिविर आयोजित किया जा रहा है।
          विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ. वैदेही गौतम ने अध्यक्षता करते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि “संस्कृत के अध्ययन से न केवल हमारी संस्कृति और परंपराओं की समझ बढ़ती है, बल्कि यह जीवन मूल्यों और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी समृद्ध करती है।” उन्होंने विद्यार्थियों से इस शिविर का भरपूर लाभ उठाने का आग्रह किया। उहोंने बताया कि शिविर बच्चों को साहित्य से जोड़ने के अभियान के तहत आयोजित किया गया है।
       शिविर में विद्यालय के चालीस विद्यार्थियों को भारती के प्रशिक्षक दिनेश शर्मा आगामी दस दिनों तक सरल और व्यावहारिक ढंग से संस्कृत संभाषण का अभ्यास कराएंगे। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के संस्कृत व्याख्याता  दुष्यन्त शर्मा ने किया। शिविर के शुभारंभ अवसर पर विद्यालय के सभी शिक्षक, विद्यार्थी और संस्कृत प्रेमी उपस्थित रहे।


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