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कोटा बैराज की मरम्मत करने का मामला अदालत में पहुंचा

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12 Jul 25
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के डी अब्बासी 

कोटा। कोटा बैराज की मरम्मत पूर्ण रूप एवं गुणवत्तापूर्ण ढंग से करने का मामला अदालत में पहुंच गया है। इस मांग को पूरा करवाने को लेकर वकील सहित तीन जनों ने स्थाई लोक अदालत में जनहित याचिका दायर की है। इस पर लोक अदालत ने जिला कलेक्टर एवं कोटा बैराज अधीक्षण अभियंता कोटा को नोटिस जारी कर उनसे जवाब-तलब किया है। याचिका पर सुनवाई 1 अगस्त को होगी। वकील लोकेश कुमार सैनी, स्वतन्त्र पत्रकार धर्म बन्धु आर्य, दैनिक जननायक काईम रिपोर्टर जगदीश अरविंद एवं जगदीश प्रसाद सैनी ने अपनी याचिका में जिला कलेक्टर एवं कोटा बैराज अधीक्षण अभियंता कोटा को पार्टी बनाया है। जिसमें बताया कि 1960 के दशक में बने चम्बल नदी के प्रमुख बांध और कोटा की लाईफ लाईन की हालत खराब है। प्रशासन की अनदेखी के कारण कोटा बैराज खोखला हो चुका है। गेटों पर जंग लग चुका है। छिद्र होने से गेटों से पानी निकल रहा है। बैराज की सैफ्टी दीवार, रैलिंग क्षतिग्रस्त हो चुकी है।

कोटा बैराज, जवाहर सागर बांध व राणा प्रताप सागर बांध के रिनोवेशन के लिए 236 करोड रूपए का बजट दिया जा चुका है। परन्तु दो वर्ष से कोई कार्य नहीं हो रहा है।

 

 

कोटा बैराज के कुल 19 रेडियल गेट और दो स्लूज गेट मौजूद 

 

याचिकाकर्ताओं ने बताया कि कोटा बैराज के कुल 19 रेडियल गेट और दो स्लूज गेट है। जिनकी मरम्मत का काम वर्षों से नहीं हुआ है। गेटों पर लोहे के रस्सों पर जग लग चुका है। जिससे इनके संचालन में भारी जोखिम बना हुआ है। स्लूज गेट 1980 से बन्द है। स्लूज गेट का मुख्य कार्य बांधे के पेडे में जमा होने वाली मिट्टी को बाहर निकलना है। कोटा बैराज पर लगी लोहे की सेफ्‌टी वॉल पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो चुकी है। पूल की जालियां भी जर्जर है। जो हादसे का कारण बनेगी। यहां कबूतरों को दाना डालने से चूहे हो रहे हैं। असामाजिक तत्वों का जमावडा रहता है। बैराज से राजस्थान व मध्यप्रदेश की पांच लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित होती है।


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