कोटा शहर विभिन्न स्थानों पर में 56 परीक्षा केन्द्रो पर 28 हजार परीक्षार्थी ने परीक्षा दी। रविवार को हुई नीट की परीक्षा में नकल को रोकने और व्यवस्थाओं को बनाने और नीट की छात्र-छात्राओं की मदद करने के लिए सिटी एसपी अमृता दुहन के दिशा निर्देश पर नीट के सभी केंद्रों पर पुलिस की माकूल व्यवस्था की
थी। इसी क्रम में भीमगंज मंडी थाना क्षेत्र में स्थित केंद्रीय विद्यालय क्रमांक एक में आयोजित होने वाली नीट की परीक्षा के लिय भी भीमगंज मंडी पुलिस का केंद्रीय स्कूल के पास एक पुलिस जाप्ता तैनात किया था। नीट की परीक्षा के लिए दिन में 11 बजे से 1:30 बजे तक केंद्र में प्रवेश करने का समय रखा गया था और दिन में दो बजे से परीक्षा शुरू होनी थी। नियमों में परीक्षा शुरू होने पर परिजनों को दो सो मीटर दूर खड़े होने के दिशा निर्देश थे। अन्य शहरों और राज्यों से अपने बच्चो नीट की परीक्षा दिलाने आए बच्चो के परिजनों ने बच्चो को केंद्र में प्रवेश कराने के बाद कुछ समय इसलिए इंतजार कर रहे थे कि बच्चो को कोई चीज की कमी रह जाय तो वह उसको देकर केंद्र से दूर चले जाएं। वहां तैनात महिला कांस्टेबल गगन ने समय से पहले ही बच्चों के परिजनों से वहां से हटने के लिए कहा जिस पर वहां पर उपस्थित सभी ने कहा कि हम यहां से जा रहे हैं, लेकिन।पुलिस कांस्टेबल गगन ने पांच मिनट का इंतजार भी नही किया और वहां पर उपस्थित बच्चों के परिजनों से दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया और अपनी वर्दी का रोब झाड़ने लगी। कांस्टेबल का ऐसा व्यवहार था जैसे कि बच्चों के सारे परिजन अपराधी हो और अपराधियों को भगाना हो। हद तो जब हो गई सेना के एक हवलदार ने कहा की हम जा रहे है।इस पर महिला कांस्टेबल ने सेना के हवलदार से बदतमीजी करना शुरू कर दिया। दोनों में हॉक टोक शुरू हो गई। मामला को एएसआई ने बड़ी मुश्किल से सम्हाला वरना पुलिस और सेना के बीच मामला बढ़ जाता। परीक्षा शुरू होने से पहले सभी बच्चो के परिजनों ने केंद्र से दोसो मीटर की दूरी पर चले गए थे।सेना के हवलदार के जाने के बाद भी महिला कांस्टेबल हवलदार और नेताओ के लिए अप शब्दों का इस्तेमाल करती रही। महिला कांस्टेबल तो अपने अधिकारी के लिए भी यह कहते नजर आई की वह उसका क्या बिगाड़ेगा। जिस भाषा का महिला कांस्टेबल इस्तेमाल कर रही थी उसे भाषा से किसी को भी गुस्सा आ जाना स्वाभाविक है। जबकि पुलिस के आला अफसरों के दिशा निर्देश है कि वह सबके साथ अच्छा व्यवहार करेंगे। 56 केंद्रों पर आयोजित परीक्षा में सिर्फ एक ही केंद्र पर परिजनों से बदतमीजी करने की शिकायत मिली है।बाकी सभी केंद्रों पर पुलिस का रवैया सभी के सहयोग और मदद के लिए रहा। इस तरह के कुछ जवानों के व्यवहार से राजस्थान पुलिस की अन्य राज्य में भी छवि खराब होती है। जबकि राजस्थान पुलिस का नारा है की आम जन में विश्वास और अपराधियों में भय लेकिन कुछ वर्दी वाले अपराधियों में विश्वास और आम जन में भय बैठाने के काम पर लगे है।