GMCH STORIES

अंत तक ज्योति-मित्र समझाते रहे,तो मुक्ति धाम में हुआ नैत्रदान*

( Read 1777 Times)

03 Feb 24
Share |
Print This Page

अंत तक ज्योति-मित्र समझाते रहे,तो मुक्ति धाम में हुआ नैत्रदान*

तलवंडी निवासी पंकज शर्मा के पिताजी श्रीमान पुरुषोत्तम लाल शर्मा (सेवानिवृत्त इंस्ट्रूमेंटेशन लिमिटेड) का आज दोपहर आकस्मिक निधन हुआ, निधन के पश्चात अंतिम संस्कार से कुछ ही समय पूर्व संस्थापक शाइन इंडिया फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ कुलवंत गौड़ को देवलोक गमन की सूचना प्राप्त हुई।

सूचना मिलते ही पंकज के करीबी व संस्था स्थान इंडिया के ज्योति मित्र संजीव कोठारी को नेत्रदान की पुनीत कार्य हेतु अनुरोध किया, कोठारी ने पंकज शर्मा के परिजनों से नेत्रदान हेतु समझाइश की, उसे समय तो परिजन तैयार नहीं हुई परंतु जैसे ही मुक्तिधाम पहुंचे दोबारा फिर संजीव जी और अजय शर्मा द्वारा पंकज को पिताजी के नेत्रदान करवाने की कहा ।

तब पंकज ने नेत्रदान के लिए सहमति दी।

 

परिजन पार्थिव शरीर लेकर मुक्तिधाम पहुंच चुके थे और वहीं से नेत्रदान के लिए सूचना दी गई तो टीम को आने में थोड़ा समय लगा । परिजनों की धैर्य के आगे संस्था सदस्यों ने नमन किया और नेत्रदान की प्रक्रिया को आई बैंक की तकरीबन द्धारा संपन्न कराया, देवलोकगामी का अंतिम संस्कार 15 मिनट देरी से हुआ।

 

इससे पूर्व संस्था के सहयोग से शिवाजी नगर कैथून रोड निवासी मोहनलाल नैनवानी के पिताजी श्रीमान प्रहलाद राय नैनवानी का आकस्मिक देवलोकगमन हुआ, ज्योति मित्र त्रिलोकचंद नैनवानी के सहयोग से नैनवानी निवास पर नेत्रदान का पुनीत कार्य संपन्न हुआ था।

संस्था के जागरूकता अभियान से नेत्रदान के लिए प्रतिदिन तीन से चार देवलोकगामी की सूचना परिवार की ओर से आती है,परंतु गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए,वहीं कॉर्निया लिया जाता है जो प्रत्यारोपण हेतु श्रेष्ठ होता है ।

 


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories : Kota News
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like