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पर्यटकों को लाने के लिए होगी अंतररास्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग-जिला कलेक्टर

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05 Oct 19
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पर्यटकों को लाने के लिए होगी अंतररास्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग-जिला कलेक्टर

कोटा (डॉ. प्रभात कुमार सिंघल) |  बूंदी उत्सव इस वर्ष 15 से 17 नवंबर तक मनाया जाएगा।  इस पर्यटन पर्व की इस तरह से ब्रांडिंग की जाए कि यह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर से पर्यटकों को यहां तक लाने में अपनी अहम भूमिका निभा सके । बूंदी उत्सव की रजत जयंती पर इस बार इस आयोजन में नए रंग भरे जाएंगे।

          जिला कलक्टर रुक्मणि रियार की अध्यक्षता में शुक्रवार को पर्यटन विकास समिति एवं बूंदी उत्सव आयोजन की तैयारियों की बैठक में संबंधित अधिकारियों को महत्वपूर्ण आवश्यक निर्देश दिए। बूंदी उत्सव में नवीन कार्यक्रमों के समावेश के साथ ही जिला कलक्टर ने इस आयोजन को प्लास्टिक और प्रदूषण मुक्त रखने की पैरवी की। 
जिला कलक्टर ने कहा कि बूंदी उत्सव को नए पन के साथ मनाते हुए अधिकाधिक जनभागीदारी सुनिश्चित की जाए। ।
         जिला कलक्टर ने बताया कि 15 से 17 नवंबर तक चलने वाले बूंदी उत्सव का भव्य शुभारंभ हर बार की भांति गढ़ गणेश के पूजन और शोभायात्रा के साथ होगा। इसके बाद विदेशी पर्यटकों के लिए विभिन्न दौड़, साफा बंधन, मेहंदी आदि की प्रतियोगिताएं तथा पतंग उत्सव का आयोजन पुलिस परेड ग्राउण्ड में किया जाएगा। शाम को नवल सागर में दीपदान होगा तथा 84 खंभों की छतरी पर दो दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम सजेंगे। 
         बूंदी उत्सव के दूसरे दिन का शुभारंभ शास्त्रीय संगीत की मनोहारी सुबह से होगा। संतूर वादन की जुगलबंदी की अनूठी प्रस्तुति सुबह 7 बजे से टैरेस गार्डन पर होगी। दोपहर में सुख महल में मान मनुहार कार्यक्रम होगा। उद्योग मेला प्रदर्शनी के साथ-साथ अन्य विविध रोचक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। जिले में नैनवां, हिंडोली, लाखेरी तथा केशवरायपाटन में भी बूंदी उत्सव का आयोजन किया जाएगा। 
चित्रकार जुटेंगे, जीवंत होगी बूंदी शैली 
             बूंदी उत्सव के 25वें वर्ष को यादगार बनाने के लिए इस बार इस आयोजन के साथ बूंदी चित्र शैली की कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा, जिसमें राजस्थान के नामी-गिरामी मिनिएचर आर्टिस्ट के अलावा अन्य प्रांतों के कलाकार भी हिस्सा लेकर यहां बूंदी शैली की पेंटिंग्स बनाएंगे। जिला कलक्टर की पहल पर हुए इस नवाचार में यह भी खास रहेगा कि यहां बनाए गए चित्रों का संकलन एक पुस्तक के रूप में किया जाएगा और बूंदी उत्सव के दौरान विभिन्न आयोजनों में प्रशस्ति एवं सम्मान स्वरूप दिए जाने वाले स्मृति चिन्ह के रूप में भी यही पेंटिंग्स भेंट की जाएंगी। बूंदी ब्रश के तत्वावधान में आयोजित होने वाली कार्यशाला के बारे में संस्था अध्यक्ष सुनील जांगिड़ एवं नंदप्रकाश ’नंजी’ ने बताया कि कार्यशाला 31 अक्टूबर से शुरू होकर 6 नवंबर तक चलेगी, जिसमें सीनियर सेकेंडरी स्कूल परिसर में कलाकार बूंदी शैली के मिनिएचर पेंटिंग्स बनाएंगे। 
प्लास्टिक को ना 
जिला कलक्टर ने निर्देश दिए हैं कि बूंदी उत्सव के किसी भी कार्यक्रम में किसी भी रूप में प्लास्टिक का उपयोग नहीं होने पाए,यह सुनिश्चित करें। पाॅलीथीन, प्लास्टिक थैली, थर्माकाॅल, प्लास्टिक ग्लास, दोने, चम्मच इत्यादि किसी भी रूप में प्लास्टिक का उपयोग ना हो। ना ही आतिशबाजी के जरिए प्रदूषण हो। 
बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (सीलिंग) अम्मानुउल्ला खान, उपखण्ड अधिकारी कमल कुमार मीणा,  इंटेक संयोजक विजयराज सिंह, पर्यटन विभाग के उपनिदेशक विकास पंड्या, प्रेम शंकर सैनी सहित अन्य संबंधित अधिकारी आदि मौजूद रहे। 
           जिले के इन्द्रगढ़ कस्बे में 15 नवम्बर को ग्रामीण खेलकूद प्रतियोगिताओं को उद्घाटन, नगरपालिका परिसर में राजस्थानी वेषभूषा प्रतियोगिता होगी। शाम को इन्द्राणी तालाब में दीपदान तथा नगर पालिका परिसर में सांस्कृतिक कार्यक्रम होगें।
         इसी तरह 16 नवंबर को लाखेरी के रघुनाथ मंदिर से सीनियर सैकण्डरी स्कूल प्रांगण तक शोभायात्रा निकाली जाएगी। जिगजेग डेम में  दीपदान कार्यक्रम तथा उच्च माध्यमिक विद्यालय लाखेरी में सांस्कृति कार्यक्रम होगें। इसी दिन नैनवां के गढ पेलेस में गणेष पूजा के बाद गढ पैलेस से कलष यात्रा निकाली जाएगी। हायर सैकण्डरी स्कूल में मेहन्दी, मांडना, चित्रकला, पाक कला प्रतियोगिता एवं बांसुरी वादन तथा सांस्कृति कार्यक्रम होगें। रतन सागर तालाब एवं दुगारी में दीपदान का कार्यक्रम होगा।
           आयोजित कार्यक्रमों की श्रृखंला में 17 नवम्बर को हिण्डोली में सैकण्डरी स्कूल मेंं गणेश पूजा, गढ पैलस में ध्वज स्थापना, सन का देवरा में ठा.प्रताप सिंह जी की पूजा अर्चना , रघुनाथ घाट पर कलष यात्रा एवं शोभायात्रा तथा वीर तेजाजी परिसर में परंपरिक खेलकूद प्रतियोगिता होगी साथ दीपदान तथा सांस्कृति कार्यक्रम भी होंगे। तीर्थ नगरी केशवरायपाटन में 17 नवंबर को चंबल घाट पर गणेश पूजा, केशव परिक्रमा तथा चंबल कोलोनी से शोभायात्रा तथा केषव घाट पर महाआरती होगी। इसके बाद दीपदान केशव रंगमंच पर भजन संध्या एवं अतिशबाजी का कार्यक्रम होगा।  


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