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सिंचाई पानी के लिए जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने किया पौंग बांध क्षेत्र का भ्रमण

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06 May 25
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सिंचाई पानी के लिए जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने किया पौंग बांध क्षेत्र का भ्रमण


श्रीगंगानगर,  गंगनहर में सिंचाई हेतु पानी की आपूर्ति के सम्बन्ध में अधीक्षण अभियंता, जल संसाधन वृत श्रीगंगानगर एवं श्री शिवचरण रेगर, अधीक्षण अभियंता (कार्य) कार्यालय मुख्य अभियंता, जल संसाधन, उत्तर, हनुमानगढ़ द्वारा पौंग बांध क्षेत्र का भ्रमण किया गया तथा वहां चल रहे कार्यों का निरीक्षण किया गया।
 जल संसाधन वृत के अधीक्षण अभियंता श्री धीरज चावला ने बताया कि भ्रमण के दौरान पंजाब के अधिशाषी अभियंता, सहायक अभियंता एवं कनिष्ठ अभियंता भी उपस्थित रहे। पौंग बांध में टनल के नीचे कार्य द्रुत गति से चल रहा था। कार्य पर लगभग 165 श्रमिक कार्यरत थे। निरीक्षण के उपरांत संबंधित अधीक्षण अभियंता के साथ बैठक की गई। बैठक में यह चर्चा की गई कि बांध के लेवल को और कितना नीचे लिया जा सकता है ताकि गंगनहर क्षेत्र के काश्तकारों को फसल बिजान हेतु पानी उपलब्ध करवाया जा सके।
 उन्होंने बताया कि वर्तमान में जो लेवल चल रहा है, उसको नीचा किया जाना सम्भव नहीं है क्योंकि बल्क हैड लगाने और हटाने के लिए यह लेवल जरूरी है। पोंग बांध क्षेत्र में मानसून 10 जुलाई के आसपास आता है। जैसे ही कार्य समाप्त होगा तो उसके बाद बांध के लेवल को नीचा करके पानी उपलब्ध करवाना संभव हो पायेगा।
 उन्होंने बताया कि पंजाब सिंचाई अधिकारियों से कार्यों को जल्दी से जल्दी पूर्ण करवाने का निवेदन किया गया ताकि कार्य खत्म होते ही बांध का लेवल नीचा कर पर्याप्त पानी प्राप्त हो सके। पंजाब अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि ज्यादा से ज्यादा लेबर लगाकर कार्य को यथाशीघ्र पूर्ण करवाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
 इसके उपरांत अधिकारियों की टीम जालंधर पहुंची। जालंधर और नकोदर का गंदा पानी भी नहर में प्रवाहित किया जाता है। इस सम्बन्ध में जालंधर में ड्रेनेज खण्ड के श्री सरताज सिंह रणधावा, अधिशाषी अभियंता के साथ बैठक करते हुए गंदे पानी पर चर्चा की गयी। उन्होंने अवगत कराया कि चिट्टी और काली ड्रेन में डाले जाने वाले गंदे पानी को बंद किया जा रहा है। पंजाब सिंचाई सचिव द्वारा स्पष्ट निर्देश दिये गये हैं कि निरीक्षण कर जहां-जहां गंदा पानी डाला जा रहा हैए उसे पूर्ण रूप से बंद किया जाये।
 श्री चावला ने बताया कि वर्तमान में एस.टी.पी. बनाये जा रहे हैं और उनके पूर्ण रूप से चालू होने के उपरांत स्थिति में सुधार आयेगा। टीम द्वारा चिट्टी ड्रेन का गंदा पानी जिस जगह पर मिलता हैए उसका भी निरीक्षण किया गया। (फोटो सहित)


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