GMCH STORIES

भारत के मधुमेह पीड़ित लाखों बच्चों की बेहतरी के लिए 12 राज्यों का स्वयं कार संचालित जागरूकता अभियान

( Read 764 Times)

06 May 25
Share |
Print This Page
भारत के मधुमेह पीड़ित लाखों बच्चों की बेहतरी के लिए 12 राज्यों का स्वयं कार संचालित जागरूकता अभियान

नई दिल्ली/   भारत के मधुमेह से पीड़ित लाखों बच्चों और किशोरों (जुवेनाइल डायबिटीज टाईप -1) की बेहतरी के लिए गुजरात की दो डॉक्टर बहनें डॉ स्मिता जोशी और डॉ रावल शुक्ला रविवार को अपने 12 राज्यों के स्वयं कार संचालित जागरूकता अभियान के अंतर्गत  छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में राज्यपाल रमेन डेका से भेंट की और उनसे उपयोगी वार्ता की।राज्यपाल डेका ने स्व-कार चालित जागरूकता अभियान को हरी झंडी दिखाकर आगे की यात्रा के लिए रवाना किया।

उन्होंने राज्यपाल से भारत के सभी राज्यों में पहले से मौजूद एनसीडी क्लीनिकों की तर्ज पर छत्तीसगढ़ के सभी जिला सरकारी अस्पतालों में समर्पित टाइप -1 मधुमेह क्लीनिकों की स्थापना कराने का आग्रह किया।

इसके पहले नागपुर में महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल मुंबई के अध्यक्ष 

डॉ.विंकी रुघवानी,मेडिकल सलाहकार परिषद और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के सदस्य,  स्वामी विवेकानंद स्वास्थ्य मिशन माधव नेत्रालय नागपुर के निदेशक डॉ. अविनाश अग्निहोत्री माधव से भेंट की ।

 

माधव नेत्रालय नागपुर ने सभी टाइप 1 मधुमेह बच्चों की मुफ्त नेत्र जांच की घोषणा की है । इसी प्रकार सीएसआर प्रदाता डॉ. दिलीप गुप्ता और लोक कल्याण डायग्नोस्टिक्स के डॉ. विजय तुंगारे के सहयोग से नागपुर में सभी टाइप 1 मधुमेह बच्चों के लिए मुफ्त इंसुलिन की व्यवस्था करने जा रहे हैं।

इसके अलावा उन्होंने जबलपुर में मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अशोक खंडेलवाल और नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज, जबलपुर के डीन डॉ. नवनीत सक्सेना के साथ एनसीडी क्लीनिकों के अनुरूप समर्पित टाइप 1 मधुमेह क्लिनिक की स्थापना के लिए उपयोगी बातचीत हुई है।

दोनों डॉक्टर बहनों ने अपना स्व-कार चालित जागरूकता अभियान 20 अप्रैल को गुजरात की राजधानी गांधी नगर से आरम्भ किया था । वे जयपुर, चंडीगढ़,हरिद्वार, देहरादून, 

लखनऊ होते हुए शनिवार को नागपुर  होते हुए रायपुर पहुंची थी । वे रायपुर से ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से आगे फ्लाइट से असम की राजधानी गुवाहाटी और अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर, मणिपुर के इम्फाल होते हुए भुवनेश्वर पहुंचेगी और तत्पश्चात पुनः स्वयं कार ड्राइव द्वारा भुवनेश्वर से अपने गृह प्रदेश गुजरात वापसी करेंगी।

भारत के 10 लाख डायबिटीज बच्चों के हित में शुरु किए गए उनका यह अभियान स्वयं की समाज के प्रति जिम्मेदारी की भावना और जज़्बें को प्रदर्शित  कर रहा है । 

 


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories :
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like