कैंसर एक काफी पीड़ादायक बीमारी है। इसका विस्तार देश के सभी भागों में काफी तेजी से हो रहा है। भविष्य में यह और भी भयावह रूप लेगा। इस कष्टदायक बिमारी से बचाव के लिए जागरूकता काफी जरूरी है,इसलिए ‘जागरूकता ही बचाव है’ अभियान के तहत बिहार Breast Forum एवं ABSI के सयुंक्त तत्वधान में सवेरा कैंसर अस्पताल के पहल से एक विश्वस्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन की खास विशेषता है कि पूरे विश्व में इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर के दिग्गज चिकित्सक इस पीड़ादायक बीमारी को नियंत्रित करने पर परिचर्चा कर रहे हैं।
कार्यशाला के लिए चुने गए 10 मरीज
Breast Forum एवं ABSI के सयुंक्त तत्वधान में सवेरा कैंसर अस्पताल में हो रहे कार्यशाला के लिए लगभग 10 मरीज़ो का चयन हुआ है जो बिहार के विभिन्न हिस्सों से आते है। सवेरा कैंसर अस्पताल के कार्यशाला में चयन किए गए सभी 10 मरीजों की सर्जरी निःशुल्क की जाएगी इसके लिए सवेरा अस्पताल ने इसकी पूरी व्यवस्था कर ली है।
राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के चिकित्सक ले रहें हिस्सा
कार्यशाला में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के चिकित्सक हिस्सा ले रहे हैं। सर्जरी के दौरान इसके सीधा प्रसारण की व्यवस्था किया गया था। इसके साथ पटना के एक स्थानीय होटल में नए और अन्य चिकित्सकों के बैठने की व्यवस्था किया गया। इसमें करीब 300 अधिक चिकित्सकों ने सर्जरी के दौरान इसके सीधा प्रसारण को देखा। इस दौरान वरिष्ठ सर्जन के द्वारा कैंसर सर्जरी की तकनीकी जानकारी साझा किया गया।
300 से अधिक चिकित्सक ले रहें भाग
सवेरा कैंसर अस्पताल में चल रहे कार्यशाला में 300 से अधिक चिकित्सक भाग ले रहे हैं। इस कार्यशाला का आयोजन दो दिनों के लिए किया गया है। इस कार्यक्रम के दूसरे दिन परिचर्चा का विषय नई तकनीक की संभावनाओं पर किया जाएगा,इसके लिए अलग-अलग समूह में सभी चिकित्सक विचार विमर्श करेंगे।
बिहार के राज्यपाल ने किया कार्यशाला का उद्धघाटन
कार्यशाला का औपचारिक उद्धघाटन बिहार के राज्यपाल महामहिम श्री राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर जी के कर कमलों द्वारा किया गया। इस कार्यशाला के उद्धघाटन समारोह में अन्यः गणमान्य व्यक्ति भी शामिल थे।
पटना स्थित होटल मौर्या में यह कार्यक्रम सवेरा कैंसर अस्पताल, महावीर कैंसर संस्थान, पारस एच. एम.आर.आई. पटना मेडिकल कॉलेज, एन. एम. सी. एच. द सर्जन ऑफ इंडिया, मेदांता एवं ब्रेस्ट कैंसर फॉउण्डेशन के साथ मिलकर किया गया। कार्यक्रम के दौरान डॉ. वी.पी. सिंह एवं डॉ. सुमंत्रा सिरकार ने कहा कि महिलाओं में यह बीमारी काफी आम होती जा रही है, और ऑन्कोलॉजिस्ट एक नई एवं बेहतरीन तकनीक है।
ब्रेस्ट कैंसर और ऑन्कोलॉजिस्ट तकनीक पर हुई चर्चा
मेडिकल ऑन्कॉलजी के तहत इस बात को बेहतर तरीके से समझा जाता कि कैंसर कैसे होता है, कैसे बढ़ता है और इसके इलाज के लिए दवा का उपयोग कैसे किया जाता है। ऑन्कॉलजी प्रफेशनल्स को ऑन्कॉलजिस्ट कहा जाता है। ये कैंसर से जुड़े हर पहलू पर गहन रिसर्च करते हैं और पेशंट को उसकी स्थिति के अनुसार कैसे ट्रीट किया जाना चाहिए, इस बात का ध्यान रखते हैं। वहीं, महिलाओं में बढ़ते ब्रेस्ट कैंसर के केसेज को कम करने, किसी को अगर यह कैंसर हो गया है तो उसका सही उपचार सुनिश्चित करने और उपचार के बाद ये ब्रेस्ट कैंसर के वापस आने के जोखिम को कम करने का प्रयास करते हैं। मेडिकल ऑन्कॉलजिस्ट मेडिकल ट्रीटमेंट, कीमोथेरपी और टारगेटेड थेरेपीज के जरिए पेशंट का इलाज करते हैं। ब्रेस्ट कैंसर के बारे में कहा जाता है कि इसके वापस लौटने की संभावना काफी होती है। ऐसे में ऑन्कॉलजिस्ट हॉर्मोनल थेरपी, रेडिएशन थेरपी के जरिए पेशंट का पूरा ध्यान रखते हैं। ऑन्कॉलजिस्ट मेडिकल ट्रीटमेंट के दौरान सेहत के हर पहलू पर पूरी नजर रखते हैं।
क्या है ऑन्कॉलजिस्ट तकनीक?
इस कर्यक्रम के दौरान ब्रेस्ट कैंसर चुनौतियों एवं संभावनाएं विषय पर वक्ताओं ने अपने अपने विचार प्रकट दिए । कार्यक्रम में सवेरा कैंसर अस्पताल के वरीय कैंसर सर्जन डॉ. वी.पी सिंह ने कहा कि भारत में हर आठ में से एक महिला स्तन कैंसर से पीड़ित है। भारत में स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओ की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। ब्रेस्ट ऑन्कोप्लास्टी एक नई सर्जिकल प्रक्रिया है जो कैंसर सर्जरी और प्लास्टिक सर्जरी के सिद्धांतों को जोड़ता है। इसमें ऑपरेशन के बाद युवती के स्तन पर कोई निशान नहीं आता और स्तन का आकार भी विकृत होने से बचाते हुए पूरी गांठ को सफलता पूर्वक निकाला जाना संभव होता है। कैंसर सर्जन डॉ. वी.पी सिंह ने बाताया कि पहले जब कि चिकित्सा तकनीक इतनी विकसित नहीं थी महिलाओं के स्तन कैंसर होने पर पूरा स्तन ही निकाल दिया जाता था। अब नई तकनीक और विशेष कौशल एवं दक्षता के रहते पूरा स्तन निकाले बिना भी पूरी गांठ निकाल दी जाती है।
डॉ वी.पी सिंह ने कहा कि ओकोप्लास्टिक सर्जरी आज स्तन कैंसर सर्जरी को फिर से परिभाषित कर रही है। ओकोप्लास्टिक ब्रेस्ट सर्जरी प्लास्टिक सर्जरी के कॉस्मेटिक फायदों के साथ पारंपरिक स्तन कैंसर सर्जरी की तकनीकों को जोड़ती है।
कैसे काम करता है ऑन्कोलॉजी
ऑन्कोलॉजी के कार्यशैलि पर चर्चा करते हुए डॉ ऋषिकेश परमेश्वर ने कहा कि हर इंसान अलग है और ऐसा ही उनका कैंसर भी होता है। प्रिसिजन मेडिसिन में किसी बीमारी का कारण बनने वाले तंत्र की गहन समझ के आधार पर हर एक रोगी के लिए कैंसर के इलाज की अलग रणनीति तैयार की जाती है। इसमें सर्जरी, विकिरण, कीमोथेरेपी और इम्यूनोथेरेपी जैसे कैंसर के इलाज के कई तरीके शामिल हो सकते हैं। हर रोगी के मामले की बारीकियों पर चर्चा करने वाले विशेषज्ञों के साथ इलाज की एक व्यापक योजना बनाई जाती है। इसमें रोगी के कैंसर होने के विशिष्ट कारण को उजागर करने के लिए जटिल जीनोम जांच की जाती है। इसमें डीएनए, आरएनए, प्रोटीन और कैंसर कोशिकाओं का अध्ययन करने के लिए बड़े पैमाने पर जटिल जांचों को अंजाम दिया जाता है। हर रोगी के कैंसर को समझने और उसके आधार पर इलाज के विकल्प तैयार करने से कैंसर रोगियों के इलाज में एक बड़ा बदलाव आया है।
कैंसर केयर के क्षेत्र में समाज में अहम भूमिका निभा रहा सवेरा कैंसर अस्पताल
पटना राजेन्द्र नगर ओवरब्रिज कंकड़बाग स्थित सवेरा कैंसर अस्पताल बिहार में निजी क्षेत्र के सबसे बड़े कैंसर अस्पताल के रूप में काम कर रहा है,जहाँ बिहार एवं आसपास के राज्यों के अलावा नेपाल और भूटान के मरीज भी लाभान्वित हो रहे हैं। विश्वस्तरीय कैंसर केयर सेंटर के रूप में विकसित सवेरा कैंसर अस्पताल कैंसर के विभिन्न प्रकार से ग्रसित मरीजों के लिए उम्मीद की एक किरण बन गया है। सवेरा कैंसर अस्पताल समाज में कैंसर के प्रति जागरूकता को ही कैंसर से बचाव का सबसे प्रभावी उपाय मानता है।
प्रेस कांफ्रेंस में ये लोग रहे मौजूद
कार्यक्रम के बाद प्रेस कांफेंस के में Organising Secretary डॉ० बी० पी० सिंह तथा आयोजन समिति के Chairman डॉ० एस सिरकार, डॉ० अविनाश पांडेय (मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट), डॉ. अनीता कुमारी (रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट) मौजूद थे। प्रेस वार्ता के अंत में आयोजन समिति के सचिव ने प्रेस से समुचित सहयोग का अनुरोध किया है, ताकि इस तकनीक का लाभ पुरे राज्य के लोग ले पाय उपस्थित अंतरराष्ट्रीय चिकित्सको में ऋषिकेश परमेश्वर, मोहन चटर्जी, संकरण नारायण मौजूद थे।