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पित्ताशय की थैली में पथरी की समस्या से पीड़ित 113 वर्षीय महिला का सफल इलाज

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28 Feb 23
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पित्ताशय की थैली में पथरी  की समस्या से पीड़ित 113 वर्षीय महिला का सफल इलाज

उदयपुर: पित्ताशय की थैली में पथरी (गॉल-ब्लैडर स्टोन) की समस्या से पीड़ित 113 वर्षीय डूंगरपुर की महिला को पेट में असहनीय दर्द के साथ बुखार और उल्टियों की शिकायत थी।दरअसल मनुष्य के शरीर में पथरी की समस्या किडनी और पित्ताशय की थैली में हो सकती है, जिसमें किडनी की पथरी सामान्यतौर पर आसानी से निकल जाती है लेकिन पित्त के थैली की पथरी बहुत कठिनाई से निकलती है, हालांकि इस आपातकालीन स्थिति में पारस अस्पताल उदयपुर के डॉ. सपन अशोक जैन, जनरल लैप्रोस्कोपिक सर्जन एवं डॉ. अबीज़ार एनिस्थेटिक ने मिलकर ऑपरेशन के माध्यम से मरीज को ठीक करने में सफलता प्राप्त की है।

डॉ. गौरव बिंदल, चिकित्सा अधीक्षक, पारस अस्पताल उदयपुर, "113 वर्षीय देव कंवर चौबीसा को एक्यूट एब्डोमेन की समस्या के साथ हमारे यहां भर्ती कराया गया। इस आपातकालीन स्थिती में मरीज के पेट में गंभीर दर्द होता है। इसके साथ ही उसे बुखार भी था और उल्टियां भी हो रही थीं, जांच के बाद पता चला कि उसके पित्ताशय की थैली में पथरी (गॉल-ब्लैडर स्टोन) है और यह लीक हो गया है, इसकी वजह से पेट के अंदर की बाईल इखट्टा हो गया था और धीरे-धीरे पस में बदलना शुरू हो गया था। यदि किसी कारण किसी व्यक्ति को लंबे समय तक गॉल-ब्लैडर में स्टोन है तो स्टोन के कारण पेट धीरे-धीरे फूलता जाता है और गॉल-ब्लैडर एक लेवल पर आकर लीक होने लग जाता है। हमने दोबारा जांच की तो पता चला कि पित्त की थैली लीक हुई थी और पस फैला हुआ था। फिर हमने दूरबीन के माध्यम से ऑपरेशन किया। मरीज का ऑपरेशन कर उसे आईसीयू में रखा गया और स्वस्थ होने पर उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।"

"पित्ताशय की थैली पेट के दाहिनी तरफ लिवर के नीचे स्थित एक छोटा सा अंग होता है। इस अंग का मुख्य कार्य पित्त को जमा करना है। पित्त, हरे-पीले रंग का तरल पदार्थ होता है जो पाचन की क्रिया में मदद करता है। इस अंग में पथरी बन जाने के कारण लोगों को कई तरह की शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें पेट दर्द, बुखार, उल्टी जैसी परेशानियां आती हैं, सामान्यतौर पर पित्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बहुत अधिक हो जाने के कारण गॉल-ब्लैडर स्टोन की समस्या होती है," डॉ. सपन अशोक जैन ने बताया।

मरीज और उनके परिजनों ने पारस अस्पताल उदयपुर के डॉक्टर्स एवं नर्सिंग स्टाफ का आभार जताते हुए कहा कि अब वह पहले से काफी बेहतर महसूस कर रही हैं, खाने-पीने में भी कोई समस्या नहीं है और अब वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं।


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