उदयपुर। करीब २७ साल पहले लगा इंप्लांट खराब होने से चलने में दिक्कत हो गई थी। जीबीएच अमेरिकन हॉस्पीटल में यह पुराना इंप्लांट हटाते हुए डीएचएस निकाले गए और कुल्हा प्रत्यारोपण (टीएचआर) किया गया।
सिरोही निवासी शैतानसिंह (५५) पिछले दो साल से ठीक से चल भी नहीं पा रहे थे और उनका एक पैर छोटा हो गया था। वे असहनीय दर्द से परेशान रह रहे थे। इस पर परिजन उन्हें पिछले दिनों जीबीएच अमेरिकन हॉस्पीटल के आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. गौरव जैन के पास लेकर पहुंचे थे। यहां जांच पर पाया गया कि करीब २७ साल पहले एक्सीडेंट हो गया था। उसमें फ्रेक्चर हुए पैर का मुंबई में ऑपरेशन कराया गया था। उस दौरान इंप्लांट के साथ डीएचएस स्क्रू लगाए गए थे। वह खराब हो गए थे और इंप्लांट भी टेडा हो गया था जिसके कारण कुल्हा खराब हो गया था और पैर भी सात सेंटीमीटर छोटा हो गया था। इसके चलते यह तकलीफ हुई थी। उस समय लगाए गए स्क्रू को खोलने के स्कू्र ड्राइवर भी अब नहीं मिलते है। जिसके चलते सभी जगह से ऑपरेशन करने से इंकार कर दिया था।
यहां आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. गौरव जैन ने बडी मुश्किल से पुरान इंप्लांट निकालकर कुल्हा प्रत्यारोपण किया। ऑपरेशन के अगले दिन शैतानसिंह का वॉकर के सहारे चला दिया गया, साथ ही पैर भी बराबर किए गए। इन्हें शुक्रवार को डिस्चार्ज कर दिया गया।