नई दिल्लीकेन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने आज विओन और zee मीडिया के ‘जनसंख्या बनाम ग्रह’ सम्मेलन को संबोधित किया । यह सम्म्ेलन वर्ष भर चलने वाले अभियान ‘मिशन सततता” जनसंख्या बनाम ग्रह’ अंग है ।
यह ई-सम्मेलन जोकि अभियान के शुरूआत के समय आयोजित किया गया है, कई नीति विशेषज्ञों, जनसंख्या अनुसंधानकर्ताओं और जनसंख्या स्थिरीकरण, शिक्षा के माध्यम से महिला और युवा सशक्तिकरण जैसे सामाजिक महत्वपूर्ण विषयों के अकादमिकों के बीच विचार-विमर्श का मंच बनेगा जबकि विश्व की जनसंख्या वर्ष 1800 में 1 अरब से बढ़कर आज 7.8 अरब हो गई है ।
उन्होंने परिवार नियोजन को पालन करने में भारत के प्रोत्साहन से संबंधित प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत विश्व में उन देशों में से एक था जिन्होंने 1952 में राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम बनाया था, जिसे बाद में विस्तृत करके मातृ और शिशु स्वास्थ्य तथा किशोर स्वास्थ्य और पोषण को कवर किया गया और इसमें परिवार नियोजन के तरीकों को अपनाने की जागरूकता फैलाने में बड़ा योगदान दिया है जबकि यह लोगों के स्वस्थ जीवन को सुनिश्चित कर रहा है । भारत की जनसंख्या 2011 में 121.02 करोड़ हो गई है, देश में प्रजनन और मृत्यु में महत्वपूर्ण गिरावट देखी है, 2018 में कम होकर 20.0 हो गई । इसी तरह कुल मृत्यु दर 1951 में 6.0 थे, कम होकर 2015-16 में 2.2 रह गई, भारत में मृत्यु दर 2012 में 7 से कम होकर 2018 में 6.2 हो गई ।
अन्य विकासशील देशों के साथ भारत के समनव्य पर उन्होंने कहा, “भारत परिवार नियोजन 2020 भागीदारी का महत्वपूर्ण और सक्रिय सदस्य रहा है और नीतिगत समाधान के लिए सामूहिक प्रयासों को बढ़ाने, वित्तीय व्यवस्था करने, महिलाओं के लिए गर्भनिरोधक सूचना की पहुंच में सामाजिक सांस्कृतिक बाधाओं को दूर करने, सेवाओं और आपूर्ति के लिए काम किया गया । यह गठबंधन जोकि अब अगले चरण में प्रवेश कर रहा है उसने माताओं और शिशुओं को बचाने की राष्ट्रीय कार्य सूची को बल प्रदान किया है। इसके लिए परिवार कल्याण के विकल्पों की पहुंच में सुधार किया गया । 2012 में शुरू की गई भागीदारी के समय से भारत ने आधुनिक गर्भनिरोधक उपायों के 1.5 करोड़ से अधिक अतिरिक्त उपयोगकर्ता जोड़े और इस प्रकार आधुनिक गर्भनिरोधक का इस्तेमाल बढ़कर 55 प्रतिशत तक पहुंच गया ”। उन्होंने स्मरण कराया कि इस भागीदारी ने भारत को दो नए गर्भनिरोधक जोड़ने में-- गर्भनिरोधक-इंजेक्शन से देने वाला एमपीए और सेंटक्रोमेन को राष्ट्रीय गर्भनिरोधक समूह में जोड़ने में मदद ली जबकि इस अवधि के दौरान परिवार कल्याण का कुल आवंटन 3 अरब अमरीकी डॉलर था । भारत ने भागीदारी के अंतर्गत न केवल निर्धारित लक्ष्य हासिल किए अपितु उनसे अधिक उपलब्धि हासिल की ।
2016 में शुरू किए गए मिशन परिवार विकास की उपलब्धियों पर डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा “ अंतिम छोर तक गर्भनिरोधक की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल इंडिया पहल के अंतर्गत परिवार कल्याण लोजिस्टिक्स प्रबंधन और सूचना प्रणाली विकसित की गई थी, मीडिया अभियान ने सूचना शिक्षा और संचार तथा व्यवहार परिवर्तन संचार से संबंधित सभी पहलुओं को कवर किया और इससे मांग का सृजन प्राप्त किया गया । गर्भ के पश्चात गर्भनिरोधक की मजबूती में 1 करोड़ गर्भवती महिलाओं को पीपीआईयूसीडी के माध्यम से लाभ पहुंचाया गया और गुणवत्ता में सुधार कार्यक्रम के निर्धारित तत्वों के अनुसार रहा । हमारे निरंतर प्रयासों से आपूर्ति सेवा और सूचना के मामले में भारत 14.2 करोड़ लाभार्थियों तक आधुनिक गर्भनिरोधक की पहुंच प्रदान करने में सक्षम रहा और इस प्रकार 5.6 करोड़ बिना सोचे गर्भ, 18.6 लाख असुरक्षित गर्भपात और 30 हजार मातृ मृत्यु को 2019 में रोका जा सका .
भारत की भावी संख्या के महत्व पर डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा, “जुलाई, 2020 में जारी भारत और राज्यों की 2011-2036 के लिए जनसंख्या अनुमान से पता चलता है कि 2011-2015 की कुल प्रजनन दर 2.37 से गिरकर 2031-2035 के दौरान 1.73 होने की उम्मीद है । भारत अब जनसंख्या परिवर्तन के चरण में है क्यूंकि युवा जनसंख्या प्रतिशत में काफी वृद्धि हो रही है । 15-24 वर्ष के आयु वर्ग के युवा जनसंख्या 2011 में 233 मिलियन थी जोकि 2036 में गिरकर 227 मिलियन हो सकती है । कामकाजी आयु वर्ग की जनसंख्या 2011 में 61 प्रतिशत थी जो 2036 में बढ़कर 65 प्रतिशत हो सकती है । भारत प्रतिवर्ष कामकाजी आयु की जनसंख्या में 12 मिलियन की वृद्धि कर रहा है ”
केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का कुशल नेतृत्व इस परिवर्तन के होने में किस प्रकार लाभ दे रहा है, भारत के युवाओं को अपनी क्षमता के अनुरूप जुटे रहने में मदद दे रहा है और राष्ट्र की प्रगति में योदान देते हुए उनकी अपेक्षाओं को पूर्ण करने में भी सहयोगी है । हमारी सरकार समृद्ध न्यू इंडिया बनाने के प्रति वचनबद्ध है, ऐसा न्यू इंडिया जिसमें कोई पीछे न रहे । हमारे सपनों का आत्मनिर्भर भारत ससक्त युवाओं के कंधों और उनकी साहस के बल पर बनेगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति, विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति तथा स्टार्टअप इंडिया, फिट इंडिया जैसे कार्यक्रम भारत को विश्व गुरू बनाने की दिशा में युवाओं के मदद देने के हमारे संकल्प का प्रमाण है ।
डॉ. हर्ष वर्धन ने महिलाओं के स्वास्थ्य पर सरकार की प्रतिबद्धता का उल्लेख करते हुए कहा, ”देश में 9 लाख से अधिक आशा वर्कर स्वास्थ्य व्यवस्था में मददगार हैं । सरकार अब माननीय प्रधानमंत्री के महत्वाकांक्षी जिलों के कार्यक्रम के माध्यम से सभी के समावेशी विकास को सुनिश्चित कर रही है । इस कार्यक्रम के प्रमुख स्तंभों में स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा शामिल हैं । भारत ने किशोर विवाह में कमी लाने में उल्लेखनीय प्रगति की है जोकि 47 प्रतिशत से कम होकर 26.8 प्रतिशत हो गई है, इसी तरह किशोर प्रजनन 16 प्रतिशत से कम होकर 7 प्रतिशत हो गया है । भारत ने महिला शिक्षा महिलाओं की कामकाज की भागीदारी का विस्तार किया है । ”
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह राजनीतिक इच्छा और सुधरे शासन व्यवस्था की मजबूती, वित्तीय प्रावधान, शानदार योजना, कार्यान्वयन और प्रभावी निगरानी तथा सीख से प्रेरित सफल गाथा है । उन्होंने कहा, “यह स्पष्ट है कि हस्तक्षेपों का प्रभाव अब अनुकूल परिणाम दे रहा है । आज भारत स्थानापन्न स्तर प्रजनन हासिल करने के लिए दस्तक दे रहा है और उसने मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में महत्वपूर्ण सुधार किया है । प्रतिबद्धता के साथ भारत जनसंख्या स्थिरीकरण और देश के विकास के लक्ष्यों में वृद्धि को हासिल कर सकता है ”