GMCH STORIES

-27 वर्षाे से अंधता निवारण में अग्रणी भूमिका निभा रहा अलख नयन मंदिर नेत्र चिकित्सालय

( Read 4282 Times)

21 May 24
Share |
Print This Page
-27 वर्षाे से अंधता निवारण में अग्रणी भूमिका निभा रहा अलख नयन मंदिर नेत्र चिकित्सालय


उदयपुर। देश में अंधता का निवारण करने के लिये केन्द्र सरकार ने 1976 में इसे राष्ट्रीय प्रोजेक्ट (एनपीसीबी) बनाकर इस पर कार्य करना प्रारम्भ किया था लेकिन सीमित संसाधनों के कारण सरकार इस पर अधिक कार्य नहीं कर पायी और उसने स्वयं सेवी संस्थाओं व स्थानीय स्तर पर नेत्र चिकित्सालयों को इस प्रोजेक्ट से जोड़ कर देश से अंधता निवारण में तेजी लाने का प्रयास किया।

अलख नयन मंदिर के मेडिकल डायरेक्टर डॉ.लक्ष्मणसिंह झाला ने आज यहंा आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि पिछले 27 वर्षाे से अलख नयन मंदिर द्वारा केन्द्र सरकार के इस प्रोजेक्ट को पूरे दक्षिण राजस्थान में चलाया जा रहा है। अब तक लाखों लोगों को इस प्रोेजेक्ट के तहत आंखों की निःशुल्क रोशनी दिलायी जा चुकी है,लेकिन इस प्रोजेक्ट की गति में और तेजी लाना चाहते है लेकिन स्थानीय स्वास्थ्य विभाग इसकी अनुपालना में असंवेदनशील बना हुआ है,जिस कारण गति को तेजी नहीं मिल पा रही है। आज भी गांवो में अंधता ने खास तौर पर डूंगरपुर,बांसवाड़ा,प्रतापगढ़,जैसे क्षेत्रों में अपना सम्राज्य फैला रखा हुआ है। मेवाड़ मंे अंधता निवारण के लिए अलख नयन मंदिर निरन्तर अपना प्रयास कर रहा है।ं
उन्होंने बताया कि केन्द्र की इस अंधता निवारण योजना को राज्य व जिले तक आते-आते उसकी अनुपालना में काफी बदलाव हो जाते है। जिस कारण उसे आगे बढ़ाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस योजना का व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार व उसकी पालना मध्यप्रदेश व गुजरात जैसे राज्य में देखने को मिल रही है वहंा का स्वास्थ्य विभाग केन्द्र की इस योजना को पूरा करने में स्वयं सेवी संस्थाओं व नेत्र चिकित्सालयों को पूर्ण सहयोग कर रहा है।
चिकित्सालय की निदेशक लक्ष्मी झाला ने बताया कि गांवों में रूबेला एवं कुपोषण बीमारी के कारण जन्मजात मोतियाबिंद होता है। अलख नयन मंदिर ने अब तक 13 लाख 35 हजार से अधिक लोगों को नेत्र चिकित्सा उपलब्ध करायी है। जिसमें से 60 प्रतिशत निःशुल्क की गई है। अलख नयन मंदिर ने अब तक 1लाख 37 हजार  से अधिक लोगो के ऑपरेशन किये है। जिसमे 60 प्रतिशत से अधिक  निःशुल्क ऑपेरशन करने में अलख नयन मंदिर नेत्र चिकित्सालय दक्षिण राजस्थान मंे सबसे आगे है। अलख नयन मंदिर ने संभाग में सबसे ज्यादा 550 से अधिक कोर्निया प्रत्यारोपित किये है। संस्थान प्रति माह गांवो में औसतन 20 से 25 नेत्र रोग के शिविर लगाकर नेत्र रोगियों की सहायता कर रहा है। विगत 10 वर्षाे में संस्थान ने आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में अब तक 3990 नेत्र रोग के निःशुल्क शिविर लगाये है।  
उन्होंने बताया कि अब तक 1865 स्कूलों के 3,35000 से अधिक बच्चों की आंखों की जांच की गई है। गत 4 वर्षाे में अलख नयन मंदिर ने गांवो में डोर टू डोर सर्वे कर 4 लाख से अधिक लोगों की आंखों की जांचे की। झड़ोल क्षेत्र के 15 गांवो को अध्ंाता मुक्त करने में अलख नयन मंदिर ने अग्रणी भूमिका निभायी है और आगे 25 गांवो में जाकर अंधता निवारण पर कार्य करेंगे।
पी-मेच्योर बेबी के रेटिना की तत्काल जांच हो,तो बचे बच्चों के रेटिना- डॉ. झाला ने बताया कि पिछले कुछ वर्षाे से प्री-मेच्योर बेबी के जन्म होने से बच्चों के रेटिना पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो पाते है और वे सिकुड़े हुए रह जाते है। जैसे ही प्री-मेच्योर बेबी का जन्म हो तो तत्काल रेटिना स्पेशलिस्ट चिकित्सक को उसे दिखाना चाहिये ताकि उसके रेटिना की जांच हो सकें और यदि ऐसा समय पर नंही किया तो हो सकता है वह बेबी आगे जाकर जिदंगी पर अंधता का शिकार हो सकता है। ऐसे ही मामलों पर अलख नयन मंदिर ने काम करते हुए अपने यंहा आंखें के अलग-अलग हिस्सों के अलग-अलग विशेषज्ञों की सेवायें उपलब्ध करा रखी है। इसी के चलत अलख नयन मंदिर ने विगत 5 वर्षाे में अब तक 1367 प्री-मेच्योर बेबी के रेटिना की जांच एवं ईलाज कर उनकी रोशनी लौटायी है।  

डॉ.झाला का नाम दर्ज हुआ लंदन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में- अलख नयन मंदिर के मेडिकल डॉयरेक्टर डॉ. लक्ष्मणसिंह झाला द्वारा व्यक्तिगत स्तर पर सर्वाधिक नेत्र सर्जरी करने पर पर उनका नाम लंदन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया,जो शहर के लिये गौरव की बात है। अलख नयन मंदिर ने तहसील स्तर पर नेत्र रोगियों को ईलाज उपलब्ध करानें के लिये 12 सेन्टर खोल रखे है।
लक्ष्मी झाला ने बताया कि 1976 से पूर्व देश में अंधता का साम्राज्य था और उस समय देश में लाखों नेत्र रोगी अंधता के शिकार थे, अंधता के बढते रोगियों की संख्या को देखते हुए केन्द्र सरकार ने 1976 अंधता निवचारण को राष्ट्रीय योजना में शामिल किया और 50 वर्ष बाद आज भी देश में अंधता के रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। इसलिये इस क्षेत्र में आज भी कार्य करनें की अधिक आवश्यकता है। राजस्थान में सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा किये गये मोतियाबिंद ऑपेरषन का अनुपात 40ः 60 है।
अलख नयन मंदिर में चिकित्सा ही नही यहां नेत्र चिकित्सको की ट्रेनिंग भी दी जाती हैे। जो भारत सरकार द्वारा मान्य हैे जिसके तहत 105 नेत्र चिकित्सको की ट्रेनिंग दी जा चुकी हैे। इसके अलावा स्नातकोत्तर कार्यक्रम के तहत 25 विधार्थी ने यहां से एमबीबीएस के बाद ( डीएनबी इन आप्थोमोलोजी ) अर्थात स्नातकोत्तर कि शिक्षा ग्रहण की ळें करीब 150 नेत्र सहायिको भी यहां प्रशिक्षण दिया गया है।


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories :
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like