नई दिल्ली। नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित 42 वें भारतीय अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेला में शनिवार की रात गुलाबी सर्दी के बावजूद ठसाठस भरे यएएमपीएचआईद्ध एम्फी थियेटर पर राजस्थान के लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने ऐसा समा बांधा कि दर्शक मंत्रमुग्ध हो गये।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि राजस्थान के आवासीय आयुक्त श्री धीरज श्रीवास्तव ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। राजस्थान पर्यटक स्वागत केंद्र की उप निदेशक डाॅ. दीपाली और पर्यटन अधिकारी श्री मनोज शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया।
डॉ. दीपाली ने बताया कि दो घंटे से भी अधिक चले संास्कृतिक कार्यक्रम का शुरूआत बाड़मेर से आए गौतम परमार के खडताल वादन एवं गायन से हुआ। इसके उपरांत दिल्ली के श्री अनीशुद्दीन एवं उनके दल ने ‘चरी नृत्य’ और जैसलमेर से आए अन्नू सोलंकी एवं साथियों ने घूटना, चकरी एवं कुरजा नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया।
इस अवसर पर पर्यटक स्वागत केन्द्र के सहायक निदेषक श्री छतरपाल यादव ने बताया कि संास्कृतिक संध्या में जहां एक ओर अलवर के भपंग वादक युसुफ खान मेवाती ने भंपग वादन ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। वहीं दूसरी ओर बाड़मेर की लीला देवी एवं पार्टी ने घूमर नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रामुग्ध कर दिया। कार्यक्रम मे बाड़मेर के गौतम परमार भवई नृत्य की प्रस्तुति कर दर्शकों का मनोरंजन किया।
उन्होंने बताया कि एम्फी थियेटर पर बृज की कृष्ण लीला का रंग भी ऐसा जमा की दर्शक हर्ष घ्वनि किए बिना नहीं रहे। ब्रज क्षेत्रा में लगे डीग (भरतपुर) से आये जितेन्द्र पराशर और दल ने अपने मनोहारी ‘मयुर-नृत्य’ और ‘‘फूलों की होली’’ से प्रगति मैदान को ‘ब्रजमय’ बना दिया।
समारोह में कालबेलियाँ नृत्य की प्रस्तुति बहुत आकर्षक रही। बाड़मेर की श्रीमती लीला देवी और उनके दल की नृत्यांगनाओं ने लोम हर्षक प्रस्तुति दी। उन्होेने अपने शरीर को रबर की गुड़ियां की तरह तोड़ मोड़कर गजब की लचक के साथ ऐसा अनूठा नृत्य प्रस्तुत किया कि दर्शक तालियां बजाने को मजबूर हो गये। नृत्यांगनाओं ने मंुह और आंखों की पलको से अंगूठी उठाकर भारी करतल ध्वनि अर्जित की।
कार्यक्रम के उद्घोषक अलवर के ही श्री खेमेन्द्र सिंह ने अपनी मधुर आवाज से सांस्कृतिक संध्या का संचालन किया।