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आज(26th May ) इतिहास रचेगा राजस्थान का बारां

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26 May 23
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आज(26th May ) इतिहास रचेगा राजस्थान का बारां

सर्वधर्म का निःशुल्क सामुहिक विवाह सम्मेलन होगा बारां में

गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज होने की संभावना।

 

कोटा  राजस्थान में  का दिन इतिहास के पन्नों में दर्ज होगा। जिसकी यादें 2222 जोडों को ताउम्र अपनी शादी की तस्वीरों के रूप में याद रहेंगी। क्योंकि इस दिन गहलोत केबिनेट के खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया के नेतृत्व में बारां में 26 मई को सर्वधर्म का सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है। जो अपने आप में दुनिया में रिकॉर्ड कायम करेगा। गिनिज बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी इसके दर्ज होने की प्रबल संभावना है। सम्मेलन बिल्कुल निशुल्क होगा। इसका मकसद गरीब परिवारों के बेटे-बेटियों का एक साथ विवाह करवाना है, ताकि शादी के खर्च का बोझ उन पर ना पडे। नवविवाहित जोडों को घर गृहस्थी का सामान और सोने-चांदी के सुहाग के आभूषण उपहार स्वरूप भेंट में दिए जाएगे। मीडिया को संबोधित करते हुए मंत्री प्रमोद जैन भाया ने बताया कि 26 मई को श्री महावीर गोशाला कल्याण संस्थान, गुणवर्धन शंखेश्वर पार्श्वनाथ जैन श्वेताम्बर तीर्थ ट्रस्ट की ओर से अंजनशलाका प्रतिष्ठा समारोह उसी के साथ यह सर्वधर्म सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित हो रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा सहित सरकार के कई मंत्री और कांग्रेस पार्टी के कई विधायक यहां कार्यक्रम में शिरकत कर नवविवाहित जोडों को आशीर्वाद देंगे। सम्मेलन का पहले लक्ष्य 2121 जोडों का था, लेकिन सम्मेलन आयोजित होने तक अब जोडों के रजिस्ट्रेशन की संख्या 2222 हो गई, ऐसे में हिन्दू धर्म के 2111 जोडों का यहां रजिस्ट्रेशन हो चुका है जबकि मुस्लिम समाज के 111 जोडों का भी रजिस्ट्रेशन हो चुका है। यहां 2111 हिन्दू जोडों का विवाह गायत्री परिवार के पंडित करवाएंगे और मुस्लिम समाज के दूल्हा दूल्हन का निकाह काजी द्वारा करवाया जायेगा। 26 मई को सम्मेलन में सुबह सवा दस बजे वरमाला का कार्यक्रम होगा, जिसके लिए सवा तीन लाख स्कवायर फीट में वरमाला का पांडाल बनाया गया है। दिन के सवा बाहर बजे फेरे और निकाह का कार्यक्रम शुरू होगा। वर-वधु के लिए 4400 टेंट से काटेज डेरे बनाए गए हैं। 2000 बीघा खेतों की जमीन में यह सम्मेलन आयोजित हो रहा हैं, जहां सुरक्षा के कडे बंदोबस्त किए गए हैं। लाइट, पानी, खेतों में पत्थर की मोटी कंक्रीट से रास्ते तैयार कर दिए गए है। भोजन के लिए 17 रसोईयां और 34 पांडाल बनाए हैं, जहां एक साथ 60 से 70 हजार लोग भोजन कर सकेंगे।

 


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