नई दिल्ली। बांसवाडा-डूंगरपुर के सांसद कनक मल कटारा ने बुधवार को लोकसभा में नियम377 के अन्तर्गत जनहित का मामला उठाते हुए पीएम आवास योजना में आवेदन के लिए ग्रामीण विकासमंत्रालय से आदिवासी अंचल में बंद पड़े पोर्टल को शीघ्र शुरु कराने की माँग रखी।
कटारा ने बताया कि दक्षिणी राजस्थान आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है और विशेष कर वागड़ अंचल में गरीब औरपिछड़ें जनजाति समुदाय की लाखों की संख्या में आबादी निवास करती है जिनमें से अधिकतर परिवारों के पासखुद का अपना घर नहीं है या फिर यें लोग कच्चे या टूटे-फूटे छप्पर वाले टापरों एवं घरों में ही अपना गुजर बसरकरने के लिए मजबूर है।
उन्होंने कहा कि ऐसे परिवारों को पक्का आवास उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन में दर्द हैऔर उनकी इस भावना को मूर्त रूप देने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना संचालित की जा रही है ।
कटारा ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री जी का बहुत आभारी हूँ कि उन्होंने मेरे संसदीय जनजातीय बाहुल्य क्षेत्र काविशेष ध्यान रखा है और गरीब आदिवासियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बड़ी संख्या में आवासउपलब्ध कराए गए हैं लेकिन आज भी राज्य सरकार की लापरवाही और ऑनलाइन पोर्टल के बंद होने केकारण प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए पात्रता रखने वाले बहुत से परिवार अभी भी इस महत्वाकांक्षी योजनामें आवेदन नहीं कर पा रहे हैं और पीएम आवास योजना के लाभ से वंचित है।
सांसद ने बताया कि हालाँकि राज्य सरकार द्वारा दो बार ऑफलाइन आवेदन लिए गए थे परन्तु उनका सत्यापनअभी तक नहीं हो पाया है। अगर इसी तरह धीमी गति से यह कार्य चलता रहा तो गरीब आदिवासियों को उनकाहक़ नही मिल पायेगा और भारत सरकार द्वारा 2024 तक के निर्धारित लक्ष्य भी हासिल नहीं हो पाएंगे।
सांसद ने सदन के माध्यम से ग्रामीण विकास मंत्री से अनुरोध किया कि वे राज्य सरकार को प्रधानमंत्रीआवास योजना के कार्य में तेजी लाने एवं पोर्टल को दोबारा शुरू करने के निर्देश देवें ताकि पात्रता रखने वालेगरीब परिवारों को जल्द से जल्द आवास उपलब्ध हो सकें।