प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि देश की कराधान प्रणाली को फेसलेस बनाया जा रहा है ताकि करदाताओं में डर का माहौल न रहे और उन्हें भेदभाव रहित प्रणाली का आभास हो। आज नई दिल्ली में वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए पारदर्शी कराधान-ईमानदार का सम्मान पोर्टल को जारी करते हुए उन्होंने कहा कि कर प्रशासन ऐसा होना चाहिए कि वह करदाताओं को भ्रम में डालने की बजाय उनकी समस्याओं को सुलझाए। श्री मोदी ने कहा कि तकनीक से नियमों तक सभी कुछ सरल होना चाहिए।
श्री मोदी ने कहा कि करदाता और कर-अधिकारी की पहचान मायने नहीं रखती। प्रधानमंत्री ने कहा है कि कर प्रणाली को अबाधित, सरल और फेसलेस बनाने की आवश्यकता है।
2014 के बाद से कराधान में किए गए सुधारों का ब्यौरा देते हुए श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि माल और सेवाकर शुरूआत से दर्जनों करों को समाप्त करके एक कर में तब्दील किया गया। उन्होंने कहा कि विभिन्न अदालतों में कर संबंधी मामलों के निपटान के लिए समयसीमा तय करने और विवाद समाधान कार्यक्रम से मुकदमों की संख्या में कमी आई। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत करदाताओं के मामले में पांच लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं है और पांच लाख से अधिक आय वाले लोगों के लिए 'कर के स्लैब' कम किए गए है। उन्होंने कहा कि भारत अब सबसे कम कॉरपोरेट टैक्स वाले देशों में शामिल है।
श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देश में मात्र डेढ़ करोड़ लोग कर अदा करते हैं, जो बहुत कम हैं। उन्होंने कर के दायरे में आने वाले लोगों का आह्वान किया कि वे करदाता बनने के लिए आगे आएं और ईमानदारी से देय करों का भुगतान करके राष्ट्र के निर्माण में योगदान करें।
श्री मोदी ने कहा कि ईमानदार करदाता राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि कर अधिकारियों की यह जिम्मेदारी है कि वे करदाताओं के साथ गरिमा युक्त व्यवहार करें। लोगों को भी कर भुगतान अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि राष्ट्र की विकास यात्रा में करदाता चार्टर एक बड़ा कदम है। श्री मोदी ने कहा कि यह करदाता के अधिकारों और कर्तव्यों को एक साथ लाने और करदाताओं के प्रति सरकार की जिम्मेदारियों को तय करने की दिशा में एक बडा कदम है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 6 वर्षों में, सरकार ने बैंकिंग सुविधा से वंचित लोगों को यह सुविधा प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने कर प्रशासन के क्षेत्र में एक नया मॉडल विकसित किया है।