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कोविड से संबंधित भेदभाव और कलंक को दूर कर रही ओडिशा की आशा वर्कर

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02 Jul 20
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कोविड से संबंधित भेदभाव और कलंक को दूर कर रही ओडिशा की आशा वर्कर

 नई दिल्ली |   ओडिशा के खुर्दा जिले के कांडालेई गांव की आशा वर्कर मंजू जीना कोविड से संबंधित गतिविधियों में सहयोग के रूप में अथक प्रयास कर रही हैं और यह सुनिश्चित कर रही हैं कि उनके समुदाय तक आवश्यक और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच हो। कई वर्षों की समर्पित सामुदायिक सेवा में मंजू ने महत्वपूर्ण सामाजिक प्रभाव बना लिया है, जिससे उन्हें कोविड से संबंधित भेदभाव और कलंक को दूर करने के लिए कारगर तरीके से लोगों के साथ बातचीत करने में मदद मिल रही है। अपने गांव लौटे एक युवा प्रवासी को जब गांव में और अपने घर में प्रवेश से मना किया तो उस समय मंजू ने अकेले समुदाय के अपमानजनक व्यवहार का मुकाबला किया। मंजू ने यह सुनिश्चित करने के लिए वह युवा प्रवासी अपने घऱ में पृथकवास में रह सके, कोविड-19 पर सामुदायिक जागरूकता विकसित करते हुए निरंतर मजबूती से अपना पक्ष रखा। इस आशा वर्कर ने उस प्रवासी के स्वास्थ्य की स्थिति का नियमित फॉलोअप किया और पृथकवास की अवधि के दौरान स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकताओं का भी ध्यान रखा।

लॉकडाउन की अवधि के दौरान मंजू ने अन्य आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच सुविधाजनक बनाने का निरंतर कार्य किया। मंजू कई गर्भवती महिलाओं के साथ अस्पतालों और स्वास्थ्य केन्द्रों में शिशु जन्म के लिए उनके साथ गईं। अपने काम के अलावा मंजू ने घर में मुंह ढकने के मास्क की सिलाई की और इन्हें गांव के गरीबों में वितरित किया।

ओडिशा में 46,627 आशा वर्कर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कोविड-19 के खिलाफ संघर्ष में चैम्पियन बनकर उभरी हैं और वे स्थानीय स्वास्थ्य आवश्यकताओं की पूर्ति में मदद कर रही हैं। उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में गांव कल्याण समितियों तथा शहरी क्षेत्रों में महिला आरोग्य समितियों के साथ मिलकर काम करते हुए देखा जा सकता है। ऐसे सामुदायिक समूहों के साथ आशा वर्कर सहयोग करती रही हैं। उन्होंने कोविड-19 के बचाव के उपायों में सहायता देने के लिए इन मंचों का उपयोग किया और सार्वजनिक स्थलों पर जाने के समय मास्क/फेस कवर के उपयोग, बार-बार हाथ धोने, आपसी दूरी का पालन करने, कोविड के लक्षणों आदि के बारे में जागरूकता बढ़ाने का काम किया।

आशा वर्करों ने पर्चे बांटकर और स्वास्थ्य (कंठा) यानी गांव की दीवारों पर पोस्टर लगाकर व्यापक जागरूकता विकसित की है।


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