गीतांजली यूनिवर्सिटी ने " एनएबीएल मान्यता और इसके लाभ" पर एक महत्वपूर्ण जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में प्रयोगशाला मान्यता की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत डीन डॉ. संगीता गुप्ता के उद्घाटन भाषण से हुई, जिसके बाद डॉ. मनजिंदर कौर, एडिशनल प्रिंसिपल, और डॉ. हरप्रीत सिंह, मेडिकल सुपरिन्टेन्डेन्ट ने ज्ञानवर्धक संबोधन दिए। सभी ने प्रयोगशाला प्रथाओं में उच्च मानकों को बनाए रखने के लिए एनएबीएल मान्यता के महत्व को उजागर किया।
गुणवत्ता एवं मान्यता विभाग द्वारा आयोजित इस पहल में विभागाध्यक्ष डॉ. निशा पोरवाल,रियंक गंगावत और समर्पित टीम का प्रमुख योगदान रहा।
एनएबीएल अधिकारियों, डॉ. भूमि राज्यगुरु, श्री चंद्रकांत सोलंकी, और श्री जगत पटेल ने एनएबीएल मान्यता के लाभों पर व्यापक प्रस्तुतियां दीं, जिसमें उन्होंने प्रयोगशाला की विश्वसनीयता बढ़ाने, सटीक परिणाम सुनिश्चित करने और अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त करने में इसकी भूमिका पर जोर दिया।
कार्यक्रम का समापन लैब निदेशक और बायोकेमिस्ट्री के विभागाध्यक्ष डॉ. आशीष शर्मा के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने सभी प्रतिभागियों और वक्ताओं के प्रति आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम को सुचारू रूप से संचालित करने में राधिका सुवालका ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे यह सत्र रोचक और सूचनात्मक बना रहा।
गीतांजली यूनिवर्सिटी की गुणवत्ता और उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता इस सफल कार्यक्रम के माध्यम से स्पष्ट हुई, जिससे स्वास्थ्य सेवा सेवाओं के सुधार के लिए एनएबीएल मान्यता को अपनाने को बढ़ावा मिला।