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मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में उदयपुर को मिला गौरव

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18 Jun 22
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मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में उदयपुर को मिला गौरव

उदयपुर  । मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना प्रदेश के निर्धन परिवारों के रोगियों को जीवनदान दे रही है। उदयपुर के जनजाति बहुल झाड़ोल के एक गरीब आदिवासी परिवार के बच्चे की कहानी इस योजना की सफलता बयां कर रही है। योजना के तहत उदयपुर जिला मुख्यालय पर गीतांजलि मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पीटल में जर्मन तकनीक से एक्मो मशीन के सपोर्ट से एक 15 वर्षीय बच्चे की जान बचाई जाने के बाद एक नया कीर्तिमान स्थापित हुआ है।
शनिवार को जिला कलक्टर ताराचंद मीणा, चिकित्सा विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ.जेड.ए.काजी, गीतांजलि मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल के निदेशक अंकित अग्रवाल, सीईओ प्रतीम तंबोली व हृदय शल्य चिकित्सक डॉ. संजय गांधी ने जिला परिषद सभागार में प्रेस वार्ता कर इसकी जानकारी दी।
निरोगी राजस्थान की संकल्पना को साकार कर रही योजना: कलक्टर
जिला कलक्टर मीणा ने बताया कि मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना इस जनजाति अंचल के निवासियों के लिए वरदान साबित हो रही है, जिसका ताजा उदाहरण दूरस्थ आदिवासी क्षेत्र का 15 वर्षीय बालक दिनेश पलात है जो हृदय की गंभीर बीमारी से पीड़ित था और सरकार के सहयोग से इसका निजी चिकित्सालय में निःशुल्क उपचार हुआ। मुख्यमंत्री की पहल पर योजना के माध्यम निरोगी राजस्थान की संकल्पना को साकार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिलेभर में योजना के तहत साढ़े छः लाख से अधिक परिवारों का पंजीयन हो चुका है और शेष के पंजीयन के लिए जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न स्तरों पर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने वंचित लोगों को इस योजना में पंजीयन कराते हुए लाभ प्राप्त करने की अपील भी की।  
निःशुल्क ऑपरेशन के बाद बची दिनेश की जान
प्रेसवार्ता दौरान जीएमसीएच के निदेशक अंकित अग्रवाल ने बताया कि झाड़ोल (फलासिया) ब्लॉक के घोरण पंचायत क्षेत्र निवासी बंशीलाल पलात मजदूरी करके अपने परिवार का जीवन यापन करता है। नौवीं कक्षा में अध्ययनरत उसका पुत्र दिनेश आम जिंदगी जी रहा था परंतु शारीरिक तकलीफ होने पर जांच करवाई तो पता चला कि रोगी के दिल के एक वाल्व में बहुत ज्यादा लीकेज है। मरणासन्न स्थिति में दिनेश को गीतांजलि हॉस्पिटल लाया गया तो मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना अंतर्गत उसका 9 जून को निःशुल्क ऑपरेशन किया गया। यह राजस्थान में पहली बार हुआ कि ऑपरेशन के बाद रोगी को तीन दिन तक इस मशीन पर रखा गया और इस गंभीर रोगी में सुधार आने लगा। ऑपरेशन के बाद आज वह स्वस्थ है एवं सामान्य जीवन यापन करने लग गया है। उसके परिजन मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत का इस योजना के लिए आभार व्यक्त कर रहे हैं।
रूमेटिक हृदय रोग के ऑपरेशन का पहला मामला:
जीएमसीएच के सीईओ प्रतीम तम्बोली ने कहा कि राजस्थान में ऐसा पहली बार हुआ है कि मात्र 15 वर्षीय रोगी जो कि रूमेटिक हृदय रोग से पीड़ित था, उसका जर्मन की अत्याधुनिक तकनीक से युक्त एक्मो मशीन से सफल इलाज हुआ। उन्होंने ये भी कहा कि हॉस्पिटल में इस रोगी का इलाज मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना के तहत पूर्णतया निःशुल्क हुआ, ये सम्पूर्ण राज्य के लिए एक कीर्तिमान है। इस योजना के तहत आधार स्तर से जुड़े लोगों को इसका लाभ मिल पा रहा है। उन्होंने बताया कि इस प्रकार के गंभीर रोग के ऑपरेशन के बाद अब उदयपुर हार्ट ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में भी आगे आ गया है।  


हार्ट फेलियर के लक्षणों के साथ आया रोगी अब पूर्णतया स्वस्थ:
दिनेश का ऑपरेशन करने वाले हृदय शल्य चिकित्सक डॉ संजय गांधी ने बताया कि हार्ट फेलियर के लक्षणों के आए रोगी को चलने-फिरने में सांस फूलना, पाँव में सूजन, शरीर में कमजोरी, दिल की धड़कन तेज जैसे लक्षण थे। उसे भर्ती करने के बाद वार्ड में ही उसके ह्रदय की गति बहुत धीमी हो गयी, तुरंत कार्डियक एनेस्थीसिया की टीम ने रोगी को सीपीआर दिया, लगभग आधा घंटा रोगी के चेस्ट कंप्रेशन दिया गया। इसके पश्चात् धीरे-धीरे ह्रदय की गति चलने लगी और साथ ही दिमाग भी सक्रिय हो गया। रोगी में सुधार तो हो गया परन्तु इसके प्लेटलेट काउंट काफी कम होने के कारण ऑपरेशन करना संभव नहीं था। जैसे ही प्लेटलेट काउंट बढ़े तुरंत रोगी को चिकित्सालय की टीम ने ऑपरेशन कर वाल्व को बदला।  तत्पश्चात रोगी की स्थिति को देखते हुए  रोगी को अत्याधुनिक तकनीकों से युक्त एक्मो मशीन पर लिया गया। तीन दिन एक्मो मशीन के सपोर्ट पर  टीम की लगातार मॉनिटरिंग के बाद रोगी अब रोगी पूर्णतया स्वस्थ है। उन्होंने बताया कि राजस्थान में अब तक की यह पहली सफल सर्जरी है जिसमें इस स्तर के रोगी को जीवनदान मिला है।।  
बंशीलाल बोला सीएम के कारण बची बेटे की जान:
दिनेश के ऑपरेशन को एक सप्ताह हो गया है एवं स्वास्थ्य लाभ पाकर उसका परिवार बहुत खुश हैं।  पेशे से किसान उसके पिता बंशीलाल पलात ने कहा कि उनके पास अपने बच्चे के इलाज को कराने के लिए पैसा नहीं था परंतु मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में निःशुल्क इलाज की बात सुनकर वह इलाज के लिए राजी हुए। वह और उसका परिवार बार-बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार कर रहे हैं जिस कारण उनके बच्चे को स्वास्थ्य जीवन मिला।  
चिरंजीवी योजना न होती तो लग जाते 7-8 लाख रूपए:
प्रेस वार्ता के दौरान हृदय शल्य चिकित्सक डॉ संजय गाँधी ने बताया कि अगर चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना नहीं होती तो रोगी के सात से  आठ लाख रूपए इस इलाज में लग जाते। लेकिन चिरंजीवी योजना में उच्च स्तरीय उपचार की पहुँच एक गरीब तक आसान कर दी है, जिससे कई परिवारों को लाभ मिल रहा है।
इस टीम ने दी दिनेश को नई जि़न्दगी:
कार्डियकसाइंसेज़ टीम में हृदय शल्य चिकित्सक डॉ संजय गाँधी, डॉ अनुभव बंसल, डॉ गुरप्रीत सिंह, कार्डियक एनेस्थेसिस्ट डॉ अंकुर गाँधी, डॉ कल्पेश मिस्त्री, डॉ सुमित तंवरी, डॉ के.चरान, डॉ अर्चना देवतरा, ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ कपिल भार्गव, डॉ रमेश पटेल, डॉ जय भारत शर्मा, पर्फ्युशनिस्ट प्रदीप हेगड़े, अनीस, नौशीन, सीटी ओटी टीम, सीटीवीएस आईसीयू टीम, स्टेप डाउन टीम के अनवरत प्रयासों से अभी हाल ही में हृदय की गंभीर बीमारी से जूझ रहे मात्र 15 वर्षीय रोगी का अत्याधुनिक तकनीकों से युक्त एक्मो मशीन द्वारा सफल इलाज कर उसे स्वस्थ जीवन प्रदान किया गया।


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