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लोक कला के माध्यम से पूर्ण होगा एड्स मुक्त भारत का सपना

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04 Jul 25
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लोक कला के माध्यम से पूर्ण होगा एड्स मुक्त भारत का सपना

तीन दिवसीय राज्य स्तरीय लोक मंडली कार्यशाला का आयोजन राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन, नई दिल्ली, राजस्थान स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी, जयपुर तथा मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के रेड रिबन क्लब उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया।

इस लोक मंडली कार्यशाला में प्रदेशभर से लोक कलाओं में निपुण 100 से अधिक लोक कलाकारों ने भाग लिया। इसमें ख्याल, कठपुतली, नुक्कड़ नाटक, जत्था कला, जादू, लोक नृत्य आदि विधाओं के कलाकार सम्मिलित हुए।

इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य एचआईवी/एड्स एवं एसटीआई (यौन संचारित संक्रमण) के प्रति लोक कला के माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाना था, ताकि आमजन को इन बीमारियों से संबंधित जानकारी एवं उनके निदानात्मक उपायों से अवगत कराया जा सके।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुनीता मिश्रा ने की। उन्होंने अपने संबोधन में राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन एवं राजस्थान स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से ग्रामीण एवं दूर-दराज़ के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में एचआईवी/एड्स जैसी गंभीर बीमारियों के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। सुखाड़िया विश्वविद्यालय दक्षिणी राजस्थान का सबसे बड़ा शैक्षणिक संस्थान है, जिससे क्षेत्र के लोगों का भावनात्मक जुड़ाव भी गहरा है। अतः इस प्रकार के आयोजन आवश्यक हैं।

प्रो. मिश्रा ने यह भी कहा कि क्षेत्रीय स्तर पर अधिकांश लोग ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करते हैं, जहां लोक कला एक प्रभावी माध्यम बन सकती है। लोक कलाओं के माध्यम से दी गई जानकारी का प्रभाव गहरा होता है। राजस्थान स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी, जयपुर द्वारा इस अभियान को लोक कला के माध्यम से संचालित करना एक सराहनीय कदम है।

वर्तमान में देश तेज़ गति से प्रगति पथ पर अग्रसर है, और वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु प्रत्येक नागरिक को अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। इसी प्रकार, एचआईवी/एड्स और एसटीआई जैसी बीमारियों से मुक्त भारत का सपना साकार करने के लिए इस प्रकार के जनजागरूकता कार्यक्रम आवश्यक हैं, जो लोगों को उनकी अपनी भाषा और संस्कृति के माध्यम से सचेत करते हैं तथा संभावित कठिनाइयों के प्रति जागरूक करते हैं।

रेड रिबन क्लब, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के समन्वयक डॉ. पी. एस. राजपूत ने बताया कि यह आयोजन एचआईवी/एड्स एवं एसटीआई के प्रति जागरूकता फैलाने तथा लोककलाओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से किया गया। इस कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आए कलाकारों ने भाग लिया। लोक कलाकार तीन दिवसीय प्रशिक्षण प्राप्त कर, दूर-दराज़ के गांवों में जाकर जनजागरूकता का संदेश देंगे।

इस आयोजन के दौरान कलाकारों को यह प्रशिक्षण दिया गया कि किस प्रकार वे अपनी कला के माध्यम से एचआईवी/एड्स के प्रति जागरूकता फैला सकते हैं, लोगों को सजग बना सकते हैं तथा इससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर कर सकते हैं।

इस कार्यक्रम में प्रदेशभर से 100 से अधिक कलाकारों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। सभी कलाओं में एचआईवी/एड्स के प्रति जागरूकता विषय को प्रभावी ढंग से जोड़ा गया, ताकि यह संदेश आमजन तक सरलता से पहुंच सके।

इस अवसर पर लोगों को 1097 टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर की जानकारी भी दी गई, और बताया गया कि यह नंबर एक क्लिक पर संबंधित सभी जानकारी आमजन तक पहुंचाने में सहायक है।

इस आयोजन में राजस्थान स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी के उप निदेशक डॉ. प्रदीप चौधरी, गरिमा भाटी, ललित चौहान, रतन लाल माली सहित कई प्रतिभागियों ने सक्रिय भागीदारी निभाई


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