विरासत फॉक डांस एंड पपेट शो की संस्थापक विजयलक्ष्मी आमेटा ने शुक्रवार को जिला पुलिस अधीक्षक और अतिरिक्त जिला कलक्टर शहर को ज्ञापन सौंप कर शहर में धर्म की आड़ में लोक कला व कलाकारों को हतोत्साहित करने के प्रयास पर प्रभावी कार्रवाई करने की मांग की।
ज्ञापन में आमेटा ने कहा कि मैं पिछले एक साल से जगदीश चौक सिटी पैलेस के पास स्थित अपने पिताजी के मकान में विरासत राजस्थानी फॉक डांस एंड पपेट शो आयोजित करती आ रही हूं। नियमानुसार व्यावसायिक बिजली कनेक्शन, संस्था रजिस्ट्रेशन एवं लघु उद्योग श्रेणी में पंजीकरण करवा रखा है। इस शो के माध्यम से 20 कलाकारों को रोजगार मिल रहा है। राजस्थानी लोक कला पर आधारित कार्यक्रमों ने पर्यटकों में अपनी अच्छी साख बनाई है जिससे उदयपुर आने वाले पर्यटकों मे यह शो काफी प्रसिद्ध होने लगा है। आमेटा ने अपने ज्ञापन में कहा कि मेरे मकान के सामने जगत शिरोमणी मंदिर में अवैध रूप से रहने वाले हिमांशु शर्मा ने मेरे मकान की छत पर रेस्टोरेंट खोलने के लिए छत किराए पर लेने का प्रस्ताव रखा जिसे मैनें मना कर दिया। शर्मा ने अपनी माताजी को मेरे यहां टिकट विंडो पर नौकरी देने का आग्रह भी किया जिसे मैने नामंजूर कर दिया। इस कारण हिमांशु ने रंजिश पालते हुए मेरे शो को बंद करवाने के प्रयास शुरु कर दिए।
बुधवार को हुई घटना के बारे में साफ करते हुए आमेटा ने अपने ज्ञापन में कहा कि शो बंद करवाने के लिए हिमांशु शर्मा का धर्म की आड़ लेना एक कुत्सित प्रयास है जिसकी जितनी निंदा की जाए उतना कम है। उस दिन सांयकाल साढ़े पांच बजे हिमांशु ने उसकी छत पर स्पीकर रखकर तेज आवाज में हनुमान चालीसा चला दी। हम उसके इरादे भांप गए इसलिए हमने कुछ नहीं बोला। शो के समय 7 बजे हमने दर्शकों से माफी मांगते हुए टिकट के पैसे रिफंड करने का प्रस्ताव दिया लेकिन दर्शकों ने शो प्रारम्भ करने का आग्रह किया। इस पर हमने शो प्रारम्भ कर दिया। इसी बीच हिमांशु शर्मा ने हनुमान चालीसा बंद करने की धमकी देने का आरोप लगाकर लोगों को इकट्ठा कर लिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए घंटाघर थाना पुलिस ने पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकाला। प्रकरण में हमने पुलिस को पूरा सहयोग किया।
विजयलक्ष्मी आमेटा ने अपने ज्ञापन के माध्यम से पुलिस व प्रशासन को निवेदन किया कि प्रकरण में निष्पक्ष जांच की जाए तो सच्चाई सामने आ जाएगी। पर्यटन नगरी में लोक कला और कलाकारों को धर्म की आड़ लेकर परेशान करने के कुत्सित प्रयास करने वाले लोगों को हतोत्साहित किया जाना चाहिए। अन्यथा कलाकारों का मनोबल टूटेगा और पर्यटन नगरी की छवि पर विपरीत असर पड़ेगा।