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बीएमसी की सबसे बड़ी पहल, काला घोड़ा कला महोत्सव के साथ मिलकर दे रहा हैं फिल्म निर्माताओं और संगीतकारों को ग्लोबली अपनी प्रतिभा को दिखाने का सबसे बड़ा मौका!

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23 Jun 22
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बीएमसी की सबसे बड़ी पहल, काला घोड़ा कला महोत्सव के साथ मिलकर दे रहा हैं फिल्म निर्माताओं और संगीतकारों को ग्लोबली अपनी प्रतिभा को दिखाने का सबसे बड़ा मौका!

बृहनमुंबई म्युनिसिपल कारपोरेशन,काला घोड़ा कला महोत्सव के साथ मिलकर संगीतकारों और फ़िल्म निर्माताओं के लिये सबसे बड़ा मौका दे रहा हैं जहाँ वो अपनी प्रतिभा को निखार कर उसे ग्लोबल प्लेटफार्म तक लेकर जा सकते हैं । जी हा, बीएमसी दे रहा हैं एक ऐसा मंच, जहाँ पर टैलेंट के दम पर मिलेगा अंतरास्ट्रीय स्तर पर जादू करने का मौका।

जी हा, बीएमसी (बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कारपोरेशन) सकाला घोड़ा कला महोत्सव के सहयोग से फिल्म निर्माताओं और मुंबई संगीतकारों को यूनेस्को से संबद्ध संगीत वीडियो प्रोजेक्ट में भाग लेने के लिए आमंत्रित कर रहा हैं। यह कार्यक्रम 48 hrs फ़िल्म प्रोजेक्ट इंडिया द्वारा बनाया गया है और एक्सीक्यूट किया जाएगा।

 म्यूजिक वीडियो प्रोजेक्ट ,मुम्बई में होनेवाला एक हाई एनर्जी क्रिएटिव इवेंट हैं जहाँ इंडिया के टैलेंटेड  संगीतकार और फ़िल्म मेकर भाग लेकर मुंबई की आत्मा को अपने वीडियो में कैप्चर करेंगे और फिर उसी वीडियो के जरिये इंटरनेशनली मुम्बई की स्पिरिटी और अपने टैलेंट को दिखाएंगे।  इस म्यूजिक वीडियो का उद्देश्य शहर के रचनात्मक माइंड को अपने साथ मिलाना और यूनेस्को के लक्ष्य जैसे आर्ट,कल्चर और विरासत को बढ़ावा देकर समाज मे हो रहे असमानताओं को इस कला द्वारा कम करना होगा।

यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क की स्थापना साल 2004 में की गई और अब इसका नेटवर्क 246 शहरो तक फैला हुआ हैं।  यूसीसीयन का उद्देश्य यूनेस्को और विश्व के रचनात्मक शहरों में बीच तालमेल जोड़ना हैं जिससे क्रिएटिव सेक्टर और मजबूत हो सके और लोगों को इसका लाभ हो सके।
 
साल 2019 में मुम्बई शहर को यूनेस्को की एक रचनात्मक सिटी के नाम से आधिकारिक तौर पर मान्यता मिली। और  यूसीसीयन को भी मुम्बई में बीएमसी में रूप में एक मजबूत पार्टनरशिप मिली जिससे जुड़कर वो अपने उद्देश्य को पूरा कर सकते हैं। जिसके जरिये नौजवान और प्रतिभावान युवाओ को अपने टैलेंट को दिखाने का एक अद्भुत प्लेटफार्म मिल रहा हैं। और इसी के द्वारा नई युवा पीढ़ी और फ़िल्म कम्युनिटी के  धुरंधर एक ही प्लेटफार्म पर एक दूसरे से जुड़कर क्रिएटिव फील्ड को अपने टैलेंट से और निखार सकेंगे।
 
आपको बता दे कि इस शहर की सांस्कृतिक भूमि और ये पूरा क्षेत्रा काला घोड़ा एसोसिएशन की ओर से देखा जाता हैं। जो 1999 से काला घोड़ा आर्ट फेस्टिवल आयोजित करते आ रहे हैं। अपनी विशाल उपलब्धि और लोगों के दिलों में एक अद्भुत उपस्थिति और इस फेस्टिवल के लिए लोगों की दीवानगी की वजह से ही काला घोड़ा आर्ट  फेस्टिवल बीएमसी तक इस कल्चर और कला की अद्भुत शुरुवात के लिए पहुँच पाया हैं।


म्यूजिक वीडियो प्रोजेक्ट का पूरा कांसेप्ट और एक्सक्यूशन 48 hrs फिल्म प्रोजेक्ट इंडिया द्वारा किया जा रहा हैं। 48hrs फ़िल्म प्रोजेक्ट इंडिया में भारत ही नही बल्कि उसके अगले-बगल रह रहे काफी टैलेंटेड फ़िल्म मेकर भी इससे जुड़े हैं। जिनके पास फिल्मो के, ब्रैंड कंटेंट और फ़िल्म बेस्ड इवेंट कला का अप्रतिम अनुभव और बेशुमार कला छुपी हैं।

इतना ही नही वोबल क्रिएटिव एंड कंटेंट उनके पार्टनर हैं जो सफल संगीतकारों, म्यूजिक बैंड्स और आर्टिस्ट्स के म्यूजिक को क्योरटेड करता है। और इंटरनेशनल ऑडियंस को अपने संगीत में मुम्बई के प्यार,भाव, लय और ताल का अहसास देता हैं।

विजेता वीडियोज को मुम्बई के एक हाई प्रोफाइल इवेंट में दिखाया जाएगा और सम्मानित किया जाएगा। और चुने गए वीडिओज़ को जुलाई 2022 के यूसीसीएन के इवेंट ब्राज़ील, संतोस और भी काफी विदेशो में स्क्रीन किया जाएगा।

ये प्रोजेक्ट म्यूजिशियन से शुरू होता हैं। म्यूजिक बैंड्स और आर्टिस्ट को अपने लिरिक्स में,स्टाइल में,कम्पोजीशन में मुम्बई की स्पिरिट दिखानी होगी और अपने एक्सक्लूसिव वीडियो के जरिये जीतकर टैलेंटेड फ़िल्म मेकर तक पहुँचना होगा। ये म्यूजिक वीडियो प्रोजेक्ट अंतर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा को दिखाने का एक यूनिक मौका हैं संगीतकारों के लिए।

 अगला फेज यानि की 29 जुलाई 2022 जहाँ सिलेक्टेड ट्रैक्स की घोषणा की जाएगी और रजिस्टर्ड फ़िल्म मेकर्स म्यूजिशियन के लिए एक ट्रैक सांग अलॉट करेंगे जो उन्हें 15 दिन के अंदर शूट करके 15 अगस्त 2022 तक उस वीडियो को सबमिट करना होगा । आपको बता दे कि यहाँ कोई विशिष्ट शैली की जरूरत नही होगी। म्यूजिशियन अपनी पसंद की कोई भी शैली चुन सकता हैं, जिसमें वो सहज हो ,जिसके जरिये वो अपने टैलेंट और काम को पूरा न्याय दे सके।  जिसमें मुम्बई का शोर, वहां का कल्चर,वहां का संगीत ,सब कुछ उस वीडिओ में हो जिसके जरिए समाज मे हो रही असमानताओं को कम करने में मदद मिल सके ,इक्वलिटी थ्रू क्रिएटिविटी के जरिये।.
 


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