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सुविवि बना एनआईआरएफ रैंकिंग के 151-200 केटेगरी में शामिल होने वाला प्रदेश का एकमात्र राज्य विश्वविद्यालय 

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14 Sep 21
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सुविवि बना एनआईआरएफ रैंकिंग के 151-200 केटेगरी में शामिल होने वाला प्रदेश का एकमात्र राज्य विश्वविद्यालय 

उदयपुर। हाल ही में जारी एनआईआरएफ रैंकिंग के 151-200 केटेगरी बैंड में शामिल होने वाला मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय प्रदेश का एकमात्र राज्य विश्वविद्यालय है। यह सुखाड़िया विश्वविद्यालय के लिए गर्व का विषय है।
कुलपति प्रोफेसर अमेरिका सिंह ने बताया कि एनआईआरएफ रैंकिंग 151-200 कैटेगरी में स्थान प्राप्त करने वाली एकमात्र स्टेट यूनिवर्सिटी के रूप में सुखाड़िया यूनिवर्सिटी का नाम दर्ज हुआ है। यह आंकड़ा और डाटा पिछले सत्र का है इसमें पिछले एक वर्ष में किए गए कार्यों एवं उपलब्धियों को शामिल नहीं किया गया है। वर्तमान कुलपति के कार्यकाल का कोई भी डाटा इसमें शामिल नहीं है, इसलिए अगले वर्ष के एनआईआरएफ रैंकिंग में उक्त डाटा शामिल होने के बाद इस विश्वविद्यालय को टॉप 20 विश्वविद्यालयों में शामिल करने का लक्ष्य तय किया गया है। कुलपति प्रोफ़ेसर सिंह ने उदयपुर वासियों से भी आग्रह किया है कि आगामी नेक रैंकिंग के लिए उनसे भी सुझाव मांगे जाएंगे। इसलिए उपलब्धियों के आधार पर सकारात्मक सुझाव दें। गत 1 वर्ष में जो नवाचार हुए हैं, उनका उल्लेख करें तो नेक रैंकिंग में भी विश्वविद्यालय टॉप में पहुंच सकता है। प्रोफ़ेसर सिंह ने कहा कि पब्लिक परसेप्शन श्रेणी में सही फीडबैक नहीं होने के कारण ही विश्वविद्यालय अच्छी रैंकिंग प्राप्त नहीं कर पाते हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि रजिस्ट्रार सी आर देवासी एवं वित्त नियंत्रक दलपत सिंह राठौड़ महत्वपूर्ण प्रशासनिक कार्यों के जरिये अच्छा काम कर रहे है, साथ ही विभिन्न विभागों में हो रहे नवाचार, शोध और एमओयू के जरिए नेक रेंकिंग और अगले वर्ष की एनआईआरएफ रैंकिंग में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया जाएगा। प्रोफ़ेसर सिंह ने बताया कि गत 1 वर्ष में उनके कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं, जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर के सैकड़ों के वेबिनार आयोजित किए गए, कई संस्थानों से एमओयू किए गए, नई फैकल्टीज और नए विभागों का गठन किया गया। कोविड-19 कि बचाव की दिशा में सीएसआर के तहत विवि परिसर में पचास से अधिक टीकाकरण शिविर आयोजित हुए जिसमें विश्व विद्यालय के शिक्षक और कर्मचारियों ने सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि कई रिसर्च पेपर्स एवं रिसर्च प्रोजेक्ट के जरिए विश्वविद्यालय में नए नए कार्य हो रहे हैं, साथ ही जनजातीय विकास की दिशा में भी कई सराहनीय कार्य किए गए हैं जो कि विश्वविद्यालय के इतिहास में मील का पत्थर साबित होंगे।


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