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’जैन समाज में टूटते परिवार-बिखरते रिश्तों को बचानें की कवायद शुरू’

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08 Nov 20
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’जैन समाज में टूटते परिवार-बिखरते रिश्तों को बचानें की कवायद शुरू’

उदयपुर। सभ्य समाज वर्तमान समय में एक ऐसे दौर से गुजर रहा है जिसकी कल्पना हमारंे पूर्वजो ने स्वप्न मे भी नहीं की होगी। इस समय देश में जितने भी विवाह- विच्छेद( तलाक )के मामले अदालत में चल रहे है उनमें से सर्वाधिक सभ्य समाज के है। हर समाज के प्रबुद्ध  एवम वरिष्ठजनों को इस गंभीर विषय पर चिन्तन करने की महती आवश्यकता है आज हम सभी का दायित्व परिवार को बिखरने एवम टूटने से बचाना है।
यह कहना है समाजसेवी एवं जैन सोश्यल ग्रुप फैडरेशन के मेवाड़ रीजन के चेयरमैन आर.सी.मेहता का। वर्तमान परिपेक्ष्य में सभ्य  समाज में टूटते परिवार एवं बिरखरते रिश्तों की बढ़ती संख्या हेतु ध्यान आकर्षित करने के लिये पुस्तक लिख कर समाजजनों को व शादी करने जा रहे युवक- युवतियों को जागरूक करने का प्रयास किया है।
मेहता ने बताया कि स्वयं के निकट रिश्तेदार के परिवार में जब नव विवाहित युगल की बात  जब विवाह विच्छेद (तलाक) तक पंहुची तो इस परिवार को बचानें की शुरूआत स्वयं  ने नजदीकी परिवार से की और इस तरह इस समाज में टूटते परिवारों व बिखरते रिश्तों को बचानें की शुरूआत हुई। समाज के कई  प्रबुद्ध जन भी इसकी आवश्यकता को समझकर उनके साथ इस मुहिम में जुडते जा रहे हैं।
मेहता ने बताया कि जैन सोश्यल ग्रुप फेडरेशन मेवाड़ रीजन के बैनर तले लिखी गई ’पुस्तक टूटते परिवार-बिखरते रिश्ते एक कदम आदर्श परिवार की और....’ में शहर के प्रबुद्ध एवम वरिष्ठजनों के इस सम्बन्ध मे विचारों को समाहित किया गया है ताकि समाजजन उनके विचारों को पढ़कर समाज के टूटते रिश्तों को बचा सकें।  शादी करने जा रहे युवक - युवतियां भी  इस पुस्तक के माध्यम से जागरूक हो सके एवम  एक आदर्श परिवार स्थापित कर सके।
उन्होंने कहा कि देश में जैन समाज को बहुत ही सभ्य समाज के रूप में देखा जाता है। इस सुंदर समाज में ऐसे मामले सुनते है तो बहुत दुरूख होता है कि समाज में जब बच्चे -  बच्चियों यानी दोनो की पसंद से रिश्ते तय हो रहे है एवम समाज में जब से अजैन परिवारों में रिश्ते होने लगे है तब से समाज के परिवारों में टूटन एवं रिश्तों में बिखराव की शुरूआत हुई है। समाज को इस बिखराव से बचानें के लिये इस पुस्तक मे जैन सोश्यल ग्रुप फेडरेशन के सदस्य, समाज के जनप्रतिनिधि,समाज के शिक्षाविद्, सामाजिक एवं धार्मिक क्षेत्र में अग्रणी समाजजनों के विचारों को शामिल किया गयाहै।
मेहता ने बताया कि पुस्तक में उन  बातों पर भी विस्तार से समझाया गया है कि किस प्रकार परिवारों एवं रिश्तों को बचानें की शुरूआत की जानी चाहिये एवम शादी योग्य बच्चो को  शादी से पूर्व किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। आनंदमयी जीवन व्यतीत करने हेतु पुस्तक में उन बातों को भी समाहित किया गया कि शादी को सुखमय किस तरह बनाया जाना चाहिये। उन्होंने बताया कि इस पूुस्तक के माध्यम से यदि समाज के 10 परिवार के रिश्तें भी टुटने से बचते है तो लेखक की मेहनत सफल होगी। इस पुस्तक में रिश्तों व परिवारों को बचानें के उपाय बताये गये है। आगामी पुस्तक में परिवारों व रिश्तों के टूटन के कारणों को बताया जायेगा ताकि लोग उन कारणों से बच सकें।
इलेक्ट चेयरमैन मोहन बोहरा ने बताया कि इस पुस्तिका को समाज के सभी शादी योग्य बच्चों को निशुल्क उपलब्ध कराई जायेगी।
रीजन सचिव अरुण मांडोत ने बताया कि  समाज के स्तर पर  प्रबुद्ध जनों के साथ परिवारिक परामर्श केंद्र की स्थापना एवम शादी योग्य बच्चो को शिक्षित एवम जागरूक करने हेतु सेमिनार आयोजित किए जायेंगे जिससे ऐसे मामलो में कमी आए एवम परिवार का बिखराव न हो।


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