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भविष्य निधि की रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना

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06 Jul 25
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भविष्य निधि की रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना


उदयपुर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्रीय मंत्रीमण्डल ने देश के युवाओं एवं बेरोजगारों के लिए नवीन रोजगार सृजित करने एवं उनकी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वूपर्ण रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना स्वीकृत की है। इसके तहत दो साल के भीतर साढ़े तीन करोड़ रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। कर्मचारी भविष्य निधि के क्षेत्रीय आयुक्त ने उदयपुर क्षेत्र के सभी जिलों के नियोक्ताओं सो अपील की है कि वे इस योजना का लाभ उठाएं।
क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त प्रशान्त कुमार सिन्हा ने बताया कि आगामी 1 अगस्त 31 जुलाई 2027 की अवधि में वे सभी संस्थान एवं उधोग इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते है, जो कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम 1952 के तहत पंजीकृत हैं। उपरोक्त अवधि के दौरान नवीन रोजगार सृजित करने पर नियोक्ता एवं कर्मचारी को ईएलआई  योजना के तहत सुनिश्चित वित्तीय प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।
दो साल होंगे होंगे 3.5 करोड़ रोजगार सृजित ईएलआई योजना से 2 साल के भीतर 3.50 करोड़ रोजगार के नये अवसर प्रदान करने का लक्ष्य है। इनमें 1.9 करोड़ लोग पहली बार रोजगार से जुड़ेगे। सिन्हा ने बताया कि इस योजना के तहत उक्त निर्धारित अवधि में नये रोजगार सृजित करने वाले नियोक्ताओं को योजना का लाभ 2 साल तक मिलेगा तथा विनिर्माण क्षेत्र के नियोक्ताओं को यह लाभ 4 साल तक मिलेगा।
कर्मचारियों को भी मिलेगा फायदा ईएलआई योजना के तहत पहली बार नियोजित होने वाले कर्मचारियों को एक माह का वेतन अधिकतम 15 हजार रुपए तक की राशि 2 किश्तों में मिलेगी। कर्मचारी को पहली किश्त निरंतर 6 माह तक नवीन रोजगार में बने रहने पर तथा दूसरी किश्त निरंतर 12 माह तक रोजगार में बने रहने पर मिलेगी।
नियोक्ता को मिलेगा यह लाभ पंजीकृत नियोक्ताओं को नवीन नियोजित कर्मचारी के हिसाब से प्रतिमाह रूपये एक हजार से तीन हजार तक की प्रोत्साहन राशि मिलेगी। दस हजार रुपए प्रतिमाह के वेतन वाले कर्मचारी पर प्रतिमाह एक हजार, दस से बीस हजार वेतन तक के कर्मचारी पर दो हजार रूपए और बीस हजार से एक लाख रूपए मासिक वेतन के नव नियुक्त कर्मचारी पर तीन हजार रूपए प्रतिमाह प्रोत्साहन राशि नियोक्ता को प्रदान की जाएगी।
सिन्हा ने बताया कि इस योजना के तहत 50 से कम कर्मचारी वाली संस्थानों को कम से कम 2 नये कर्मचारी रोजगार से जोडने होंगे। 50 से अधिक कर्मचारियों वाले संस्थानों को 5 नये कर्मचारी निंरतर 6 माह तक रोजगार में रखने होंगे।
सिन्हा ने कर्मचारी भविष्य निधि के क्षेत्रीय कार्यालय के अन्तर्गत आने वाले सभी जिलों उदयपुर, राजसमंद, भीलवाड़ा, चित्तौडगढ़, प्रतापगढ, बांसवाड़ा, डूंगरपुर एवं सलूम्बर के नियोक्ताओं से अपील की है कि वे 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 के मध्य अपनी संस्थान में ज्यादा से ज्यादा नये रोजगार सृजित करते हुऐ कर्मचारी एवं स्वयं नियोजक इस योजना का लाभ प्राप्त करें।


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