भारतीय रिजर्व बैंक साइबर धोखाधड़़ी पर अंकुश लगाने और अवैध कर्ज देने वाले ऐप पर रोक लगाने के लिए डि़जिटल इंडि़या ट्रस्ट एजेंसी के गठन पर विचार कर रहा है। गौरतलब है कि देश में अवैध ऋण देने वाले ऐप तेजी से बढ रहे हैं । सूत्रों ने कहा कि प्रस्तावित एजेंसी डि़जिटल ऋण देने वाले ऐप का सत्यापन करेगी और सत्यापित ऐप का एक सार्वजनिक रजिस्टर बनाएगी। सूत्रों ने कहा कि जिन ऐप पर ड़ीआईजीआईटीए के सत्यापन का निशान नहीं होगा‚ उन्हें अनधिकृत माना जाना चाहिए। इससे डि़जिटल क्षेत्र में वित्तीय अपराधों के खिलाफ लड़़ाई में मदद मिलेगी । उन्होंने कहा कि ड़ीआईजीआईटीए को डि़जिटल ऋण देने वाले ऐप की जांच की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। सूत्रों के अनुसार इस सत्यापन प्रक्रिया से डि़जिटल ऋण क्षेत्र के भीतर अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही पैदा करने में मदद करेगी।