GMCH STORIES

बीएन फार्मेसी में "फार्मा अन्वेषण 2024" के तहत नेशनल फार्मेसी एजुकेशन डे का भव्य समारोह आयोजित

( Read 2333 Times)

07 Mar 24
Share |
Print This Page
बीएन फार्मेसी में "फार्मा अन्वेषण 2024" के तहत नेशनल फार्मेसी एजुकेशन डे का भव्य समारोह आयोजित

उदयपुर  : भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय के बी.एन.कॉलेज ऑफ फार्मेसी में आज "फार्मेसी काउंसिल आफ इंडिया" नई दिल्ली द्वारा अनुदानित "फार्मा अन्वेषण 2024" का आयोजन किया गया।
यह कार्यक्रम पूरे देश के चयनित फार्मेसी महाविद्यालयो में भारतीय आधुनिक फार्मेसी के जनक प्रोफेसर एम .एल.श्रॉफ के जन्मदिन 6 मार्च को नेशनल फार्मेसी एजुकेशन डे के रूप में मनाया जा रहा है। इसका आयोजन फार्मेसी में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए इंडस्ट्री एवं अकादमिक प्रबुद्ध जनों के बीच विचार गोष्ठी कर उत्कृष्ट परिणाम को लागू करने के लिए किया गया है। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों, विद्या प्रचारिणी सभा के कार्यकारी अध्यक्ष एवं जे आर एन विद्यापीठ के कुलपति कर्नल प्रो शिव सिंह सारंगदेवोत, बीएन संस्थान सचिव डॉ. महेंद्र सिंह आगरिया,  बीएन संस्थान प्रबंध निदेशक मोहब्बत सिंह रूपाखेड़ी, फार्मेसी अधिष्ठाता डा.युवराज सिंह सारंगदेवोत, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष, प्रो. एकलिंग सिंह झाला, वित्त मंत्री शक्ति सिंह कारोही, संयुक्त सचिव राजेंद्र सिंह ताणा, विद्या प्रचारिणी सभा के माननीय सदस्यों तथा बी.एन.आई.पी.एस. के प्राचार्य डॉ.चेतन सिंह चौहान आदि ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया। अधिष्ठाता डॉ. युवराज सिंह सारंगदेवोत के स्वागत भाषण के बाद प्रो शिव सिंह सारंगदेवोत ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एन ई पी) 2020 की आवश्यकता व लागू करने के बारे में बताते हुए कहा कि पूर्व में भारतवर्ष के गुरुकुलों द्वारा मूल्य आधारित एवं दक्षता बढ़ाने वाली शिक्षा दी जाती थी, जिसे मध्यकालीन शिक्षा पद्धति से कमजोर कर दिया गया है। उन्होंने कहा की दक्षता, जीवन मूल्य संवर्धन तथा भारत की जनशक्ति का समुचित उपयोग कर नई शिक्षा नीति को आज एवं भविष्य की आवश्यकता के अनुरूप बनाया जा सकता है। तत्पश्चात सभी अतिथियों द्वारा फार्मा अन्वेषण पोस्टर का विमोचन किया गया। कार्यक्रम सह संयोजक डॉअंशु शर्मा ने विषय आधारित पैनल डिस्कशन करवाया जिसकी शुरुआत राजस्थान फार्मेसी काउंसिल के रजिस्टर नवीन सांघी, महावीर सोडाणी और प्रतिक भार्गव ने ऑनलाइन की। पैनल डिस्कशन में यू एस अमीनो के मैनेजिंग डायरेक्टर रोहित तनेजा, सिएस्टा लाइफ साइंसेज के डायरेक्टर विक्रम सिंह,  वेस्टर्न ड्रग्स के अमित लोहार, मेड नेक्स्ट बायोटेक के वाइस प्रेसिडेंट पुष्पेन्द्र लोढ़ा, वर्धमान फार्मा के सुरेश जैन, एलाइड केमिकल्स के निकुंज दोषी, कोर कॉस्मेटिक के कुशाग्र हिंगड़ व मुकेश महात्मा, क्वालिटी कंप्लायंस एग्जीक्यूटिव एशिया पेसिफिक हेड ने नई शिक्षा नीति की आवश्यकता एवं लागू करने के विभिन्न सुझावो के साथ संपन्न किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मीनाक्षी भरकतिया, आलोक भार्गव व अंशु शर्मा ने करते हुए आए हुए राजस्थान के विभिन्न कॉलेजों के प्राचार्यो डॉ. पी के चौधरी, डॉ. अशोक दशोरा, डॉ. नरेश खत्री, डॉ.खेमचंद गुप्ता, डॉ. राहुल गर्ग, डॉ. विशाल गर्ग, डॉ.अल्का अग्रवाल, डॉ. जयेश त्रिवेदी, डॉ. उदयभान सिंह, डॉ. सुरेश देव, गजाराम, अंकित पालीवाल आदि के सुझावों को डिस्कशन में शामिल किया। कार्यक्रम संयोजक डॉ. अंजू गोयल ने द्वितीय सत्र की शुरुआत करते हुए फार्मा इंडस्ट्री के सीईओ मुकेश महात्मा, मेडनेक्स्ट बायोटेक के डायरेक्टर पुष्पेंद्र लोधा, वेस्टर्न ड्रग के वाइस प्रेसिडेंट अमित लोहार का परिचय करवाया एवं सभी वक्ताओं ने कहा कि इंडस्ट्री ट्रेनिंग फार्मेसी विद्यार्थियों के लिए अति आवश्यक है, उसके लिए छोटे-छोटे शेड्यूल बनाए जाएं और उन्हे हमारी इंडस्ट्रीज में ट्रेनिंग के लिए भेजा जा सकता है। इसके अलावा प्रैक्टिकल पार्ट को अधिक से अधिक सिलेबस में शामिल किया जाए ताकि छात्रों को अधिक से अधिक दक्षता हासिल हो और वह विश्व स्तर पर प्रतियोगी बन सके। मीडिया प्रभारी डॉ. कमल सिंह राठौड़ ने बताया कि इस संगोष्ठी के लिए फार्मेसी काउंसिल ऑफ़ इंडिया से 2 लाख का अनुदान प्राप्त हुआ है एवं इसमें राजस्थान के विभिन्न फार्मेसी महाविद्यालय तथा फार्मा इंडस्ट्री के लगभग 200 से ज्यादा  प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का समापन आर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. अंजू गोयल ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित कर किया। ज्ञातव्य हैं की भारत में फार्मेसी शिक्षा की स्थापना में भागलपुर बिहार के प्रो. महादेव लाल श्रॉफ की एक अहम भूमिका है। ये दिवस भारत में फार्मेसी शिक्षा की स्थापना(1932 बीएचयू, बनारस में प्रथम फार्मा  पाठ्यक्रम शुरू) में उनके योगदान को पहचानने के लिए, जिन्हें भारत में फार्मेसी शिक्षा के जनक के रूप में जाना जाता है। वह निश्चित रूप से इस देश में काम करने वाले सभी फार्मासिस्टों के लिए एक आदर्श हैं ने न केवल फार्मास्यूटिकल शिक्षा बल्कि उद्योग के साथ-साथ भारत में भी अपने झुकाव, समझ, क्षमता और व्यापक दृष्टि के साथ सही दिशा दी।


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories : Education News , Bhupal Nobles University
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like