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मिड डे मील योजना विद्यार्थियो के लिए वरदान

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04 Jul 25
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मिड डे मील योजना विद्यार्थियो के लिए वरदान

बांसवाड़ा। जनजाति क्षेत्र में मिड डे मील योजना एक सरकारी कार्यक्रम ही नहीं विद्यार्थियो के लिए वरदान से कम नहीं है जिसका उद्देश्य स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को निःशुल्क भोजन प्रदान करना है। 

यह योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई थी और इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों को पौष्टिक भोजन प्रदान करना और उन्हें शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करना है।

बांसवाड़ा जनजाति पहाड़ी इलाकों में स्कूलों में मिड डे मील योजना के तहत, स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को निःशुल्क भोजन प्रदान किया जाता है।

 

जिसमें आमतौर पर चावल, रोटी, सब्जियां, दाल और फल शामिल होते हैं। 

 

यह योजना गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है, जिनके पास घर पर पौष्टिक भोजन की व्यवस्था नहीं होती है।

 

मिड डे मील योजना के कई फायदे हैं जिनमें मुख्यतया बच्चों को पौष्टिक भोजन प्रदान करना,

बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करना,गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों की मदद करना,बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण को बेहतर बनाना मुख्य है 

इसके अलावा मिड डे मील के कई फायदे जिनमें

 

*विद्यार्थियों की सेहत में सुधार*  

 

मिड डे मील में पौष्टिक भोजन दिया जाता है, जिससे विद्यार्थियों की सेहत में सुधार होता है।

 

 *भूख की समस्या का समाधान* 

 

मिड डे मील से विद्यार्थियों को दोपहर के भोजन की व्यवस्था हो जाती है, जिससे उन्हें भूख की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता।

 

 *विद्यार्थियों की उपस्थिति में वृद्धि*

 

मिड डे मील के कारण विद्यार्थियों की स्कूल में उपस्थिति में वृद्धि होती है, क्योंकि उन्हें स्कूल में भोजन मिलता है।

 

*विद्यार्थियों की पढ़ाई में सुधार*

 

 मिड डे मील से विद्यार्थियों को ऊर्जा मिलती है, जिससे वे अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।

*गरीब परिवारों के लिए सहायक*: 

 

मिड डे मील गरीब परिवारों के लिए बहुत सहायक है, क्योंकि उन्हें अपने बच्चों के लिए भोजन की व्यवस्था करने में मदद मिलती है।


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