नई दिल्ली।केंद्रीय स्वास्थ एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्ष वर्धन ने बताया है कि कोविड -19 पर काबू पाने की दिशा में भारत ने बड़ी सफलता हासिल की है।भारतीय वैज्ञानिकों ने कोरोनावायरस के स्ट्रेन्स को अलग कर लिया है जिससे कोरोना वायरस को लेकर दवाई और टीके बनाने में मदद मिल रही है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ )के सदस्य देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के लिए कोरोना वायरस कोविड -19 पर नई दिल्ली में आयोजित वर्चुअल कोविड इंफ़ोरमेशन सेशन में भाग लेते हुए उन्होंने इस वैश्विक बीमारी की रोकथाम के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दुनिया के साथ साझा की।
चर्चा में हिस्सा लेते हुए डॉ.हर्ष वर्धन ने देश को भरोसा दिलाया कि कोविड -19 के प्रबंधन के लिए सरकार ने पूरी तैयारी की है और जरूरत पड़ने पर वैंटिलेटर्स की भी कमी नहीं होने दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि हम सोशल डिसटनटेंसिंग पर जोर दे रहे है ताकि कोरोना के तीसरे चरण में जाने से देश को रोक सकें।
डॉ हर्ष वर्धन ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सार्क देशों की बैठक बुलाने की पहल कर कोविड -19 इमरजेंसी फंड की शुरुआत की।भारत ने इसमें 10 अरब डॉलर का योगदान दिया है। उन्होंने बताया कि हमने भारत में बहुत ही कम समय में कोरोना की जांच के लिए 120 सरकारी और 35 निजी क्षेत्र की लैब्स तैयार कर ली हैं।
डॉ हर्ष वर्धन ने बताया कि भारत में कोविड -19 के खिलाफ जंग में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जनता कर्फ्यू के आह्वान को शत-प्रतिशत जन-समर्थन मिला और वर्तमान में भी इक्कीस दिनों के लॉक डाउन को व्यापक जन समर्थन मिल रहा हैं।
डॉ हर्ष वर्धन ने कोविड -19 को लेकर एक राष्ट्रीय चैनल के एक शो में बताया कि भारत ने सबसे पहले कोरोना के खतरे को भांप कर कदम उठाते हुए 8 जनवरी 2020 को ही अपने टेक्निकल एक्सपर्ट्स की बैठक बुला ली थी और 17 जनवरी को सभी राज्यों को अलर्ट कर दिया था।