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अष्टांग योग से होगी अनेक बीमारियां दूर

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11 Jul 25
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अष्टांग योग से होगी अनेक बीमारियां दूर

उदयपुर। एनआईसीसी की संस्थापक डॉ. स्वीटी छाबड़ा ने योग गुरू भावना जैन के साथ मिलकर एमआईसीसी में अष्टांग योग की नियमित कक्षाएं प्रारंभ की हैं। इस बारे में जानकारी देते हुए डॉ. स्वीटी छाबड़ा ने बताया कि योग एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे कई असाध्य बीमारियाँ भी कुछ ही दिनों में ठीक हो सकती हैं, बशर्ते इसे जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाकर नियमित अभ्यास किया जाए।

योग गुरू भावना जैन ने बताया कि योग का सरल अर्थ है "जोड़ना"। यह कोई कठिन कार्य नहीं है जिसके लिए विशेष तैयारी की आवश्यकता हो। किसी भी काम को पूरी एकाग्रता से करना भी ध्यान का ही एक रूप है। उदाहरण के तौर पर, यदि आप भोजन करते समय केवल भोजन पर ध्यान केंद्रित करते हैं तो वह भी ध्यान है।

स्वस्थ जीवन जीने के लिए उन्होंने पांच प्रमुख तत्वों का पालन जरूरी बताया:

तनाव रहित जीवन – मानसिक शांति अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी है।

ऑक्सीजन – शरीर की ऊर्जा के लिए सबसे आवश्यक तत्व।

पानी – समय-समय पर पानी पीना बेहद जरूरी।

आहार – क्या, कब और कितना खाना है इसका विशेष ध्यान रखें।

विहार (गतिविधि) – भोजन के बाद टहलना पाचन में मदद करता है।

इस अवसर पर योग गुरू अविचल गांधी ने अपनी स्वास्थ्य यात्रा साझा करते हुए बताया कि 2019 में उनके होठों के अंदर एक गांठ बन गई थी। कई बार ऑपरेशन करवाने के बावजूद समस्या बार-बार लौटती रही। कोविड काल में उन्होंने ऑनलाइन माध्यमों से जानकारी लेकर योग व योगासनों का अभ्यास शुरू किया और कुछ ही समय में वह गांठ पूरी तरह से ठीक हो गई। 2025 तक वह पूरी तरह स्वस्थ हैं और उन्हें दोबारा यह बीमारी नहीं हुई।

उन्होंने बताया कि शरीर की अधिकांश बीमारियाँ रक्त संचार में रुकावट के कारण होती हैं और योग करने से यह प्रवाह सामान्य हो जाता है।

यह पहल इस बात का प्रमाण है कि योग एक प्राकृतिक और प्रभावशाली उपचार विधि है जो जीवन को स्वस्थ और संतुलित बना सकती है।

 


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