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बोहरा गणेशजी को साहित्य भेंट कर संपर्क अभियान का शुभारंभ

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26 Oct 25
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बोहरा गणेशजी को साहित्य भेंट कर संपर्क अभियान का शुभारंभ


उदयपुर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने बोहरा गणेश जी मंदिर में प्रभु को साहित्य व पत्रक भेंट कर वृहद गृह संपर्क अभियान का शुभारंभ किया।

विभाग संघचालक हेमेंद्र श्रीमाली ने बताया कि संघ शताब्दी वर्ष के क्रम में चलने वाले इस अभियान में संघ के कार्यकर्ता घर-घर जाकर संपर्क करने जायेंगे। परिवार के सदस्यों के साथ संक्षिप्त चर्चा में पंच परिवर्तन और संघ यात्रा के विषय रखेंगे। जिसमें सामाजिक समरसता, स्व का बोध, पर्यावरण संरक्षण, कुटुंब प्रबोधन और नागरिक कर्तव्य के बारे में आग्रह किया जायेगा। प्रत्येक परिवार को एक कर-पत्रक (ब्रॉशर), भारत माता का चित्र और एक स्टिकर निःशुल्क दिया जाएगा। यह 21 दिवसीय अभियान 26 अक्टूबर से 16 नवम्बर तक चलेगा।  

प्रांत संघचालक जगदीश सिंह राणा ने बताया कि संघ दृष्टि से चित्तौड़ प्रांत में कुल 8 विभाग और 27 जिले हैं, जो प्रशासनिक रूप से 14 जिलों के अंतर्गत आते हैं। अभियान में प्रांत के 15,302 ग्रामों को शामिल किया गया है। 2 करोड़ 11 लाख और 42 लाख परिवार है। प्रत्येक परिवार से 10 से 15 मिनट का संपर्क किया जाएगा। इसके लिए करीब 90,000 कार्यकर्ताओं की टोलियां गठित की गई है , जो बस्ती व मण्डल स्तर पर शाखा के माध्यम से कार्य करेगी।

पंच परिवर्तन का संदेश
1. स्व का बोध- जन-जन में स्व का भाव हो। स्वदेशी उत्पाद, पूर्वजों के गौरवशाली इतिहास, भारतीय ज्ञान परंपरा आदि पर गौरव हो।
2. कुटुम्ब प्रबोधन- परिवार व्यवस्था में संवाद व आत्मीयता बढाना। सनातन परंपरा अनुसार जीवन शैली को प्रोत्साहित करना।
3. सामाजिक समरसता- समाज में व्याप्त भेदभावों और असमानता को खत्म कर समरस, संगठित व समर्थ समाज का मार्ग प्रशस्त करना।
4. नागरिक शिष्टाचार- नागरिकों में राष्ट्र के प्रति उत्तरदायित्व को लेकर जागृति लाना।
5. पर्यावरण संरक्षण- प्रकृति से लोगों का जुड़ाव बढाना। प्रकृति से सामंजस्य पूर्ण जीवन को अपनाना।

संघ में संवाद की लोकतांत्रिक परंपरा
संघ ने कार्यशैली में लोकतांत्रिक पद्धति को अपनाया है। संघ ने चाहे अपना नाम, भगवा ध्वज को गुरु की मान्यता, शाखा की रचना भी विचार-विमर्श से ही तय हुई है। संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में सरकार्यवाह का हर 3 वर्ष के लिए निर्वाचन होता है। संघ का विभिन्न विषयों पर समाज से संपर्क करने का लंबा इतिहास रहा है। विशेष अभियानों में घर-घर जाकर चर्चा की जाती है। जबकि समाज के विभिन्न क्षेत्र में कार्यरत प्रमुखजन से संपर्क तो नियमित कार्य का हिस्सा है।

गृह संपर्क अभियान इतिहास
1. संघ के 60 वर्ष होने पर 1985 में अभियान : स्वयंसेवकों ने नगरों से लेकर दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों तक समाज के हर वर्ग से संवाद स्थापित किया। संघ को लेकर जानकारी साझा की।
2. हॉ हेडगेवार शताब्दी वर्ष 1989- गृह संपर्क अभियान में डॉ. हेडगेवार के जीवन दर्शन और संघ के लक्ष्य से समाज को अवगत कराया गया। संघ ने इस अभियान के दौरान समाज सेवा कार्यों के लिए 11 करोड़ रुपए का निधि संग्रह भी किया।
3. 75 वर्ष पर राष्ट्र जागरण अभियान- स्वयंसेवकों ने घर-घर संपर्क कर संघ के कार्य एवं विचार समझाए। इस दौरान विविध रैलियां, पथ संचलन, संगोष्ठियाँ और सम्मेलनों का आयोजन हुआ। जयपुर में 13 अक्टूबर 2001 को “राष्ट्र शक्ति संगम” नाम से विशाल पथ संचलन आयोजित हुआ जिसमें 51000 गणवेशधारी स्वयंसेवकों ने सहभागिता की।
4. श्री गुरूजी जन्म शताब्दी वर्ष 2006- खंड स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक “हिंदू सम्मेलन” और समरसता सभाओं की श्रृंखला आयोजित की गई।
5. स्वामी विवेकानंद सार्धशती 2012- एक विशाल राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया गया, जिसका उद्देश्य विवेकानंद के विचारों को युवाओं समेत समाज के प्रत्येक वर्ग तक पहुँचाना था।

इनके अलावा भी संघ स्वयंसेवकों ने अब तक विभिन्न समाज संपर्क अभियान में भाग लिया है। उनमें श्री राम मंदिर शिला पूजन, विश्व मंगल गौ ग्राम यात्रा 2009, श्री राम मन्दिर निधि संग्रह 2021, श्री राम मन्दिर प्राण प्रतिष्ठा अक्षत वितरण 2024 आदि प्रमुख है।


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