उदयपुर। उदयपुर के हाथीपोल निवासी 12 वर्षीय मोहम्मद अली, जो जन्म से ही सुनने और बोलने में अक्षम था, अब सामान्य बच्चों की तरह सुन और बोल सकता है। यह संभव हो पाया 2017 में पेसिफिक हॉस्पिटल, भीलो का बेदला स्थित ईएनटी विभाग द्वारा किए गए निशुल्क कॉकलियर इम्पलांट की बदौलत।
कॉकलियर इम्पलांट के बाद मोहम्मद अली की ज़िंदगी बदल गई थी। लेकिन मई 2025 में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना में उसके कान के बाहर लगे डिवाइस का प्रोसेसर गिरकर खराब हो गया, और परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वे उसका नया प्रोसेसर खरीद सकें।
ऐसे में पीएमसीएच के चेयरमेन राहुल अग्रवाल ने मानवीय संवेदनशीलता दिखाते हुए प्रोसेसर को निशुल्क बदलवाने की व्यवस्था की, जिससे बच्चा दोबारा सुनने और बोलने में सक्षम हो सका। इस प्रयास से न केवल मोहम्मद अली की मुस्कान लौट आई, बल्कि परिवार को भी बड़ी राहत मिली।
इस प्रक्रिया में ईएनटी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ.ऋचा गुप्ता एवं डॉ.एस.एस. कौशिक का भी विशेष योगदान रहा। दोनों चिकित्सकों ने तकनीकी विशेषज्ञता से यह सुनिश्चित किया कि प्रोसेसर सही ढंग से काम करे और बच्चा पुनः सामान्य जीवन जी सके।
इस दौरान पीएमसीएच के चेयरमेन राहुल अग्रवाल ने कहा कि कोई भी बच्चा केवल बहरापन के कारण मूक-बधिर न रहे। हम हर संभव सहायता देने को तैयार हैं। कॉकलियर इम्पलांट ऐसे बच्चों के लिए आशा की किरण है, जिनकी ज़िंदगी केवल एक उपकरण से सामान्य बन सकती है।
गौरतलब है कि पेसिफिक हॉस्पिटल, उदयपुर स्थित ईएनटी विभाग ने अब तक 75 से अधिक कॉकलियर इम्पलांट करके बच्चों को सुनने और बोलने की शक्ति प्रदान की है। यह उपलब्धि चिकित्सा जगत में एक मिसाल बन गई है।