उदयपुर, राजस्थान – आयुर्वेद चिकित्सा के क्षेत्र में अद्वितीय कार्य कर रहे वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्साधिकारी डॉ. शोभालाल औदीच्य द्वारा संचालित स्वर्ण प्राशन महाभियान ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इस अभियान के अंतर्गत अब तक 4 लाख से अधिक बच्चों को लाभ मिल चुका है। यह सेवा अभियान विगत 10 वर्षों से निरंतर रूप से चलाया जा रहा है और अब प्रत्येक रविवार को सिंधी बाजार औषधालय, उदयपुर में निःशुल्क स्वर्ण प्राशन कराया जा रहा है।
स्वर्ण प्राशन आयुर्वेद की प्राचीन व सिद्ध पद्धति है, जो बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता, बुद्धि, स्मरण शक्ति एवं मानसिक विकास को बढ़ाने में सहायक है। यह द्रव्य स्वर्ण भस्म, घृत, मधु तथा विशेष औषधियों से युक्त होता है और इसका सेवन बचपन से ही किया जाए तो बच्चे दीर्घकाल तक स्वस्थ, तेजस्वी व निरोग रहते हैं।
डॉ. शोभालाल औदीच्य ने स्वर्ण प्राशन को जन-जन तक पहुँचाने के लिए न केवल शहरों में, बल्कि आदिवासी क्षेत्रों, ग्रामीण अंचलों, विद्यालयों व बस्तियों में भी सैकड़ों शिविरों के माध्यम से इसे प्रचारित व प्रसारित किया है।
डॉ. औदीच्य का कहना है –
"यदि देश को भविष्य में स्वस्थ और आत्मनिर्भर बनाना है तो बच्चों की प्रारंभिक इम्युनिटी को मजबूत करना अनिवार्य है, और स्वर्ण प्राशन इस दिशा में एक सशक्त साधन है।"
इस अभियान को समाज का भरपूर सहयोग मिल रहा है, जिसमें स्वयंसेवी संस्थाएं, शिक्षक, चिकित्सक और अभिभावक बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।
स्वर्ण प्राशन सेवा की मुख्य विशेषताएँ:
प्रत्येक रविवार सुबह सिंधी बाजार औषधालय में निःशुल्क वितरण
पुष्य नक्षत्र पर विशेष शिविरों का आयोजन
समाज के हर वर्ग के बच्चों के लिए खुला
जनसहयोग से संचालित, पूर्णतः निःशुल्क सेवा
डॉ. औदीच्य अब इस अभियान को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर विस्तार देने की योजना बना रहे हैं ताकि यह सेवाएं देश के अन्य भागों तक भी पहुँचे और आयुर्वेद को वैश्विक पहचान मिले।