GMCH STORIES

पूर्वोत्तर भारत में हिन्दी का सम्पर्क भाषा के रूप में महत्व है-प्रो. जगमल सिंह

( Read 8933 Times)

15 Sep 19
Share |
Print This Page
पूर्वोत्तर भारत में हिन्दी का सम्पर्क भाषा के रूप में महत्व है-प्रो. जगमल सिंह

उदयपुर, भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय के भूपाल नोबल्स स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय में गरिमामय आयोजन के साथ हिन्दी दिवस मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित विस्तार व्याख्यान में मुख्य वक्ता के रूप में उद्बोधन देते हुए मणिपुर विश्वविद्यालय एवं गुवाहटी विश्वविद्यालय के पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो जगमल सिंह ने कहा कि हिन्दी का महत्व राजभाषा के रूप में होने के साथ ही सम्पर्क भाषा के रूप में अधिक है। उन्होंने व्यक्तिगत अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि पूर्वोत्तर भारत में हिन्दी का महत्व सम्पर्क भाषा के रूप में अधिक रहा है। वहां के लोग स्थानीय बोलियों की विभिन्नता के कारण परस्पर संवाद की भाषा के रूप में हिन्दी को सहज रूप में स्वीकार कर उसका प्रयोग करते हैं।
उन्होंने कहा कि हिन्दी की कार्यालयी पारिभाषिक भाषा समय के साथ निरन्तर सुगम हो रही है इससे सरकारी प्रपत्रों में हिन्दी के द्वारा कार्य करना आसान हो गया है। उन्होंने कहा कि आज तकनीकी युग में हिन्दी का बढ़ता प्रसार इस बात का प्रमाण है कि हिन्दी का प्रयोग निरन्तर बढ़ रहा है। लोक साहित्य विषयक चर्चा करते हुए कहा कि लोक साहित्य हमारी भाषा को बचाए रखने के महत्वपूर्ण स्रोत हैं। हमें हिन्दी की उपबोलियों के रूप में विकसित बोलियों का प्रयोग और उन पर शोध करना चाहिए तभी हम अपनी भाषागत सम्पदा पर गर्व का अनुभव कर सकते हैं।
इससे पूर्व अतिथियों का स्वागत करते हुए एवं हिन्दी दिवस पर हिन्दी के महत्व को प्रतिपादित करते हुए महाविद्यालय अधिष्ठाता डॉ. प्रेम सिंह रावलोत ने कहा है कि अंग्रेजी  के बढ़ते प्रभाव के बीच हिन्दी आज अपनी बेहतर स्थिति में है। हमें अपनी भाषा के प्रति गर्व का भाव होना चाहिए एवं इसके निरंतर प्रयोग को स्वीकार करते रहना चाहिए।
विषय प्रवर्तन करते हुए हिन्दी विभाग के डॉ. हुसैनी बोहरा ने कहा कि हिन्दी राष्ट्रभाषा, राजभाषा, सम्पर्क भाषा और मातृभाषा के रूप में स्थापित है। हमें इसके प्रयोग को बिना किसी हीन भावना का स्वीकार करना चाहिए। तभी यह भाषा अपने महत्व को सहज रूप में प्राप्त हो सकेगी।
कार्यक्रम में छा़त्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. देवेन्द्र सिंह सिसोदिया के साथ ही संकाय सदस्य एवं विद्यार्थी उपस्थित थे। प्रश्न पूछकर श्रोताओं ने हिन्दी के संबंध में अपनी जिज्ञासाओं को शांत किया। कार्यक्रम को संचालन डॉ. परेश द्विवेदी ने धन्यवाद डॉ. नरेश पटेल ने किया।
---------


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories : National News
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like