उदयपुर.स्मार्ट शहर के कार्यो में सभी शवदाह ग्रहों के सुधार एवम झीलों में समाहित होनेवाले नालो को रोकने को प्राथमिकता देनी चाहिए।उक्त विचार झील संरक्षण समिति,झील मित्र संस्थान एवम गांधी मानव कल्याण सोसायटी द्वारा आयोजित श्रमदान पश्चात हुए सम्वाद में व्यक्त किये गए।
झील संरक्षण समिति के सचिव डॉ तेज राज़दान ने कहा कि स्मार्ट शहर के कार्यो में सभी शमसानो को सुधारा जाए तथा सम्भव हो तो इन्हें विद्युत शवदाह में तब्दील करना चाहिए।
झील प्राधिकरण के सदस्य तेज शंकर पालीवाल ने होटल रेडिशन के बाहर बन रहे सीवर के तालाब पर चिंता जताते हुए इसे प्राथमिकता से सीवर लाइन में जोड़ने की जरूरत बतलायी।
जल विज्ञानी डॉ अनिल मेहता ने कहा कि झीलों व आयड़ नदी का असली सौंदर्य इनके गंदगी मुक्त होने से है।
गांधी मानव कल्याण सोसायटी के निदेशक नन्द किशोर शर्मा ने कहा कि जन भागीदारी के अभाव एवम स्वेच्छिक संस्थाओ की कमजोरी से प्रसाशनिक शिथिलता व अनदेखी के कारण झीलों में गंदगी, अतिक्रमण बढ़े है ।
सम्वाद से पूर्व पिछोला के अमरकुण्ड झील क्षेत्र से बड़ी मात्रा में गंदगी निकाली गई।श्रमदान पश्चात झील प्रेमी दिवंगत ललित पालीवाल को श्रद्धांजलि ज्ञापित की गई।
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