श्रीमती इन्दिरा मेनारिया ने बताया की दशामाता व्रत चैत्र कृष्ण दशमी को किया जाता है। यह व्रत घर की दषा ठीक करने के लिए किया जाता है। दशामाता व्रत व पूजा अर्चना करने से दशामाता की कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख शांति व समृद्वि आती है। जब लडकी शादी करके ससुराल आती है तब सर्वप्रथम यही व्रत दिलाया जाता है। इसमें सभी महिलाऐं प्रातः जल्दी उठकर सज-धज कर पूजा की थाली लेकर जाती है और पीपल के वृक्ष के यहां दषामाता की पूजा करती है और पीपल की परिक्रमा करती है। पूजा के बाद दषामाता की दस कहानियां पढती है व सुनती है, उसके उपरान्त बडों का आषीर्वाद लेती है ।
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