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लोक संस्कृति की विरासत को युवा मन में संजोकर महाउत्सव ’पिछोला‘ का भव्य समापन

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07 Feb 20
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लोक संस्कृति की विरासत को युवा मन में संजोकर महाउत्सव ’पिछोला‘ का भव्य समापन

उदयपुर    महोत्सव नाम को सार्थक करता बी.एन.पी.जी. महाविद्यालय का सांस्कृतिक कार्यक्रम ’पिछोला‘ अपने उत्साह एवं आनन्द की पूर्णता लिये सभी को एक असीम ऊर्जा प्रदान करता हुआ विदा हो गया।

    कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रातः स्मरणीय गणेश एवं माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। कार्यक्रम का प्रारम्भ श्रीमान् पारस जी सिंघवी उपमहापौर उदयपुर, श्रीमान मोहब्बत सिंह जी राठौड, प्रबन्ध ंनिदेशक, भूपाल नोबल्स संस्थान, श्रीमान शक्ति सिंह जी कारोही, संयुक्त मंत्री, विद्या प्रचारिणी सभा, डॉ. रेणु राठौड, अधिष्ठाता, विज्ञान संकाय, डॉ. रितु तोमर, सहअधिष्ठाता एवं कार्यक्रम संयोजक, डॉ. अभय जारोली, अधिष्ठाता वाणिज्य संकाय, डॉ. राजेन्द्र सिंह शक्तावत, सहअधिष्ठाता, डॉ. संगीता राठौड आदि की उपस्थिति में भरत नाट्यम की मोहक प्रस्तुतियों के साथ हुआ। प्रेस प्रभारी डॉ. सरला शर्मा ने बताया कि आज के कार्यक्रम के मुख्य आकर्षणों में आदिवासी भील नृत्य, मैं तो चन्दा जैसी नार, गजबण पाणी ले चाली, गुजरात की माटी की सौंधी खुशबु लिये गुजराती नृत्य, हरियाणवी, कश्मीरी, भोजपुरी, आदि लोकनृत्य, सात समन्दर पार सौदा खरा-खरा, रफ्ता-रफ्ता, हमको तुमसे प्यार है आदि समूह फिल्मी नृत्य की बेहतरीन प्रस्तुतियों ने समस्त दर्शक दीर्घा में मौजूद जनसमूह को नृत्य करने पर मजबूर कर दिया। अंग्रेजी ड्रामा युगल नृत्य वेस्टर्न, समूह नृत्य फिल्मी, मोनो एक्टिंग एवं समूह लोकनृत्य प्रमुख रहे।

सांयकालीन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमान रविन्द्र माहेश्वरी, जिला न्यायाधीश, अतिविशिष्ट अतिथि श्रीमान वेंकटेश शर्मा आई.एफ. एस. एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीमान पर्वत सिंह मुख्य वित्त नियंत्रक अधिकारी भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय ने उपस्थित रहे। उन्होंने प्रतिभागियों के हौंसले प्रतिभा एवं हुनर की सराहना की।

मिस एवं मिस्टर नोबल्स प्रतियोगिता के माध्यम से युवा वर्ग का एक अनोखा ही अन्दाज सभी को दिखाई दिया। जहाँ वे अपने वर्तमान को जी रहे हैं, वहीं उन्होंने बिन्दास अन्दाज में भविष्य ंका निर्माण बेहतरीन करने पर जोर दिया। सह संयोजक डॉ. गिरधरपाल सिंह, डॉ. रूचि सिंह, डॉ. राजश्री चौहान ने बताया कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता प्रतिभागियों को पधारे हुए अतिथिगणों ने पुरुस्कार प्रदान कर उनकी हौंसला अफजाही की। अधिष्ठाता डॉ. रेणुं राठौड ने शैक्षणिक एवं सहशैक्षणिक गतिविधियों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। संयोजक डॉ. रितु तोमर ने कार्यक्रम को सफल, गरिमामय एवं अनुशासित बनाने पर सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मनीषा शेखावत और ले. शैलजा राणावत द्वारा किया गया


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