हैदराबाद: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख के. सिवन ने कहा कि इसरो का ‘चंद्रयान-2’ मिशन यह जानते हुए भी सोच-समझकर उठाया गया जोखिम है कि इस तरह के 50 प्रतिशत प्रक्षेपण विफल हुए हैं.यह यान ऐसी जगह उतरेगा जहां अब तक तक कोई दूसरा देश नहीं पहुंचा है.
उन्होंने कहा, “हालांकि आधे से ज्यादा चंद्र मिशन विफल हुए हैं लेकिन इसरो एक सोचा-समझा जोखिम उठा रहा है क्योंकि अगर हम अंतरिक्ष जगत के बड़े खिलाड़ी बनना चाहते हैं तो नवप्रवर्तन के साथ ऐसे जोखिम उठाने अत्यधिक जरूरी हो जाते हैं.”
उन्होंने कहा कि चंद्रयान-2 भी इसी तरह से सोच-समझकर उठाया गया जोखिम है.
सिवन ने बताया कि चंद्रमा पर जिस जगह उतरा जाएगा, वह जगह 70 डिग्री अक्षांश ऊपर है, “जहां इससे पहले कोई नहीं गया है.”
सिवन पड़ोसी जिले संगारेड्डी के रुद्रराम में जीआईटीएएम मानद विश्वविद्यालय के नौवें दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे.
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